
#मेदिनीनगर #पुलिस_कार्रवाई : इंटरस्टेट शराब तस्करी में सहयोग और चार लाख रुपये की मांग के आरोप में एएसआई को एसपी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया।
- मेदिनीनगर सदर थाना के एएसआई अभिमन्यु सिंह पर शराब तस्करी में सहयोग का गंभीर आरोप।
- एसपी रेष्मा रमेशन ने पूछताछ में संतोषजनक जवाब न मिलने पर तत्काल निलंबन का आदेश जारी किया।
- जोरकट के पास लावारिस वाहन मिलने से खुला पूरा मामला, ड्राइवर से पूछताछ में हुए खुलासे।
- ड्राइवर ने बताया—एएसआई ने वाहन मालिक से चार लाख रुपये की मांग कराई।
- पलामू पुलिस ने संदिग्ध वाहन जब्त कर ड्राइवर को हिरासत में लेकर की त्वरित कार्रवाई।
- जिले में अवैध शराब तस्करी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी, पुलिस की सतर्कता जारी।
पलामू जिले के मेदिनीनगर में गुरुवार को शराब तस्करी से जुड़ा एक बड़ा खुलासा सामने आया, जिसके बाद सदर थाना क्षेत्र में तैनात एएसआई अभिमन्यु सिंह पर गाज गिरी। उन पर इंटरस्टेट शराब तस्करी में सहयोग करने, संबंधित वाहन को छुड़ाने के बदले भारी रकम मांगने और तस्करों को सुरक्षित मार्ग देने का आरोप लगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक रेष्मा रमेशन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। घटना ने जिले में बढ़ती शराब तस्करी गतिविधियों पर नई चर्चा छेड़ दी है।
मामला कैसे शुरू हुआ: जोरकट में मिला संदिग्ध वाहन
गुरुवार सुबह सदर थाना क्षेत्र के जोरकट के पास एक संदिग्ध वाहन लावारिस स्थिति में मिला। एएसआई अभिमन्यु सिंह ने इस वाहन की फोटो थाना प्रभारी लालजी को भेजी। जांच के दौरान यह सामने आया कि वाहन यूपी से आने वाले शराब तस्करों से जुड़ा हुआ था।
पलामू पुलिस को पहले से मिली गुप्त सूचना के आधार पर वाहन को जब्त किया गया और ड्राइवर को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के शुरुआती दौर में ही कई अहम सूचनाएँ सामने आ गईं, जिसने मामले की दिशा बदल दी।
ड्राइवर के बयान से खुला पूरा खेल
ड्राइवर से पूछताछ में यह बड़ा खुलासा हुआ कि एएसआई अभिमन्यु सिंह ने न केवल यूपी से आने वाली शराब तस्करी में उसकी मदद की, बल्कि वाहन मालिक से “स्थानीय दबाव” बताकर चार लाख रुपये की मांग भी कराई।
हिरासत में लिए गए ड्राइवर ने कहा: “अभिमन्यु सिंह ने मुझे अपनी निजी गाड़ी में बैठाकर मालिक से बात कराई और पैसे की मांग करने को कहा।”
ड्राइवर के इस बयान ने प्रशासन को चौकन्ना कर दिया। बाद में जब स्वयं एएसआई अभिमन्यु सिंह से पूछताछ की गई, तो उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए।
एसपी ने लिया सख्त निर्णय
पलामू की एसपी रेष्मा रमेशन ने मामले की गंभीरता और पुलिस पर जनता के भरोसे को ध्यान में रखते हुए त्वरित और निर्णायक कदम उठाया।
एसपी रेष्मा रमेशन ने कहा: “पुलिस विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता सर्वोपरि है। किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
एएसआई अभिमन्यु सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और विभागीय कार्रवाई शुरू की जा रही है।
बढ़ती शराब तस्करी की चुनौती
पलामू जिले में पिछले कुछ महीनों से अवैध शराब तस्करी के मामले तेजी से बढ़े हैं। कई बार सीमावर्ती जिलों से भारी मात्रा में विदेशी शराब जब्त की गई है। यह घटना पुलिस के भीतर से सहयोग मिलने के आरोपों को भी उजागर करती है, जिसे रोकना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
पिछले अभियानों में पलामू पुलिस ने लगातार बड़ी मात्रा में शराब जब्त कर तस्करों पर शिकंजा कसा है, और यह कार्रवाई उसी सतर्कता का हिस्सा है।
आगे क्या: जांच होगी और कड़ी
सदर थाने से जुड़े इस संवेदनशील मामले में विभागीय जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। संबंधित तस्करी चैनल की जड़ तक पहुंचने के लिए पुलिस टीम विस्तृत जांच करेगी, ताकि भविष्य में ऐसे किसी भी प्रयास को रोका जा सके।
न्यूज़ देखो: पुलिस की सख्ती और तंत्र की पारदर्शिता का संकेत
एएसआई का निलंबन बताता है कि पलामू पुलिस अवैध गतिविधियों पर किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगी। यह कार्रवाई संदेश देती है कि कानून का उल्लंघन करने वाले—even पुलिसकर्मी—बच नहीं सकते। जिले में बढ़ती शराब तस्करी के बीच यह कदम प्रशासन की दृढ़ता को भी दर्शाता है।
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पारदर्शिता की दिशा में एक मजबूत कदम
जब कानून लागू करने वाली व्यवस्था खुद को अनुशासित रखती है, तभी समाज मजबूत बनता है। भ्रष्टाचार और तस्करी के खिलाफ आवाज उठाना नागरिकों की भी जिम्मेदारी है। ऐसी घटनाएँ चेतावनी देती हैं कि व्यवस्था को सतर्क रखना सबकी सामूहिक भूमिका है।





