#गढ़वा #अवैधशराबबंद अभियान – एसडीएम की सख्ती से कांप उठे शराब माफिया, गांव के लोगों ने खुद थामा बदलाव का नेतृत्व
- दुलदुलवा गांव में छापेमारी के दौरान मिला 100 कुंटल से अधिक महुआ और गुड़
- एसडीएम संजय कुमार ने गांववासियों के सहयोग से तीन गोदामों पर मारा छापा
- विजय गुप्ता के गोदाम से दो साल का विक्री रजिस्टर जब्त, गोदाम किया गया सील
- गोदामों में रखी सामग्री शराब माफियाओं को बेचे जाने की पुष्टि
- गांव के लोगों ने कार्रवाई में लिया सक्रिय हिस्सा, अवैध धंधे का खुला विरोध
- जंगल और बस्ती क्षेत्रों में की गई शराब भट्ठियों की तलाशी, कोई भी भट्ठी नहीं मिली
लगातार दबिश से माफियाओं में मची खलबली
गढ़वा जिले के दुलदुलवा गांव में अवैध शराब निर्माण के विरुद्ध जिला प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। सदर एसडीएम संजय कुमार के नेतृत्व में शनिवार को की गई छापेमारी में एक बड़ी सफलता हाथ लगी, जब गांव में एक महुआ और गुड़ से भरे गोदाम को सील किया गया। यह सामग्री शराब निर्माण में इस्तेमाल की जा रही थी और माफियाओं को सप्लाई की जा रही थी।
कच्चे माल की आपूर्ति पर पहली बार सीधी कार्रवाई
छापेमारी के दौरान सबसे चौंकाने वाला मामला विजय गुप्ता के गोदाम का सामने आया, जहां 100 कुंटल से अधिक महुआ और गुड़ रखा गया था। पूछताछ में गोदाम मालिक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका, और जब विक्री रजिस्टर की जांच की गई तो उसमें उन व्यक्तियों के नाम दर्ज थे, जो पहले से अवैध शराब निर्माण में शामिल रहे हैं।
एसडीएम ने मौके पर ही दो साल के विक्री रजिस्टर जब्त कर गोदाम को सील कर दिया। गोदाम की चाबी विजय गुप्ता और एक स्थानीय ग्रामीण को संयुक्त जिम्मेवारी के साथ दी गई, यह शर्त रखकर कि बिना अनुमति कोई ताला नहीं खोला जाएगा और सामग्री की बिक्री पर पूर्ण रोक रहेगी।
कबूली गुनाह, मांगी माफ़ी
विजय गुप्ता ने स्वयं स्वीकार किया कि वह इस सामग्री को गांव के ही शराब माफियाओं को बेचता था, लेकिन एसडीएम के अभियान के बाद उसने यह कार्य बंद कर दिया था।
“मैंने अब यह काम बंद कर दिया है और भविष्य में दोबारा नहीं करूंगा,” — विजय गुप्ता, गोदाम मालिक
अन्य गोदामों की स्थिति और प्रतिबंध
इस दौरान रविंद्र चंद्रवंशी के गोदाम से भी बड़ी मात्रा में गुड़ जब्त किया गया, हालांकि महुआ नहीं मिला। उसे भी सख्त हिदायत दी गई कि वह किसी शराब माफिया को सामग्री न बेचे। तीसरे गोदाम से बहुत कम मात्रा में सामग्री मिली, लेकिन वहां भी वही निर्देश दोहराए गए।
गांव के लोग अब खुद बन रहे हैं बदलाव के वाहक
इस कार्रवाई की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि गांव के लोग अब स्वयं शराब के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। एसडीएम के साथ सैकड़ों ग्रामीणों ने गोदामों तक पहुंचकर कार्रवाई में भाग लिया।
“अब गांव के लोग शराब से दूरी चाहते हैं और हम एसडीएम साहब का पूरा साथ देंगे,” — एक स्थानीय ग्रामीण
जंगल और बस्तियों में चलाई गई सघन तलाशी
एसडीएम ने गांव की बस्तियों और जंगलों में शराब भट्ठियों की तलाशी भी ली। इस दो घंटे के अभियान में कोई भी सक्रिय भट्ठी नहीं मिली, जो इस अभियान की प्रभावशीलता का संकेत है। एसडीएम ने गांववासियों को सुधार के लिए बधाई दी और उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे अवैध धंधों के खिलाफ इसी तरह आगे आते रहें।



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