
#शिकारीपाड़ा #अवैधबालूजप्ती : अंचलाधिकारी के नेतृत्व में हुई छापेमारी में 10 हजार सीएफटी अवैध बालू जब्त कर प्रखंड परिसर में सुरक्षित रखा गया।
- अंचलाधिकारी कपिल देव ठाकुर के नेतृत्व में रविवार को बड़ी कार्रवाई।
- सरस डंगाल मौजा से लगभग 10,000 CFT अवैध बालू जब्त किया गया।
- कार्रवाई में थाना प्रभारी अमित लकड़ा व पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका।
- बालू को हाईवा और जेसीबी की मदद से प्रखंड परिसर में रखा गया।
- अवैध भंडारण में शामिल व्यक्तियों की पहचान जारी, होगी सख्त कार्रवाई।
- इलाके में इससे पहले भी अवैध बालू कारोबार के कई मामले सामने आए।
शिकारीपाड़ा अंचल में अवैध बालू कारोबार के खिलाफ रविवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। गुप्त सूचना पर अंचलाधिकारी कपिल देव ठाकुर के नेतृत्व में सरस डंगाल मौजा में छापेमारी की गई। यहां दुमका-रामपुरहाट राष्ट्रीय उच्च पथ से कुछ ही दूरी पर बालू का भारी मात्रा में भंडारण पाया गया। मौके से करीब 10 हजार सीएफटी अवैध बालू जब्त किया गया। कार्रवाई में थाना प्रभारी अमित लकड़ा और पुलिस टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब्त किए गए बालू को हाईवा और जेसीबी से उठाकर प्रखंड परिसर में रखा गया।
छापेमारी कैसे हुई
अंचलाधिकारी कपिल देव ठाकुर ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि सरस डंगाल मौजा में अवैध रूप से बालू डंप किया गया है और इसे चोरी-छिपे पश्चिम बंगाल भेजने की तैयारी चल रही है। सूचना मिलते ही पुलिस बल के साथ संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। बड़ी मात्रा में डंप बालू देखकर प्रशासन तुरंत सक्रिय हुआ और भारी वाहनों की मदद से इसे कब्जे में लिया गया।
प्रशासन का स्पष्ट संदेश
अंचलाधिकारी ने कहा कि अवैध बालू भंडारण करने वालों की पहचान की जा रही है। सबूतों के आधार पर जल्द ही दोषियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रशासन किसी भी कीमत पर प्राकृतिक संसाधनों की लूट को बर्दाश्त नहीं करेगा।
इलाके में लगातार हो रहा अवैध कारोबार
स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकारीपाड़ा अंचल में अवैध बालू कारोबार कोई नई बात नहीं है। इसी वर्ष एक माह पहले भी प्रशासन ने कई बालू लदे वाहनों को जब्त किया था, जो आज भी अंचल कार्यालय के सामने खड़े हैं। लोग बताते हैं कि प्रशासन समय-समय पर कार्रवाई करता है, लेकिन बालू माफिया हमेशा नए तरीके अपनाकर फिर सक्रिय हो जाते हैं। इससे इलाके में अवैध खनन और परिवहन की समस्या बनी रहती है।
पुलिस-प्रशासन की सख्ती बढ़ेगी
इस कार्रवाई के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में प्रशासन अवैध कारोबार के खिलाफ और सख्त कदम उठाएगा। अधिकारी स्तर पर यह भी माना गया कि लगातार निगरानी और समय पर कार्रवाई से ही बालू माफियाओं पर लगाम लगाई जा सकती है।
न्यूज़ देखो: प्रशासन की सक्रियता, लेकिन चुनौती भी बड़ी
शिकारीपाड़ा में अवैध बालू कारोबार लंबे समय से प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। हर कार्रवाई के बाद कुछ समय शांति रहती है, फिर वही गतिविधियाँ दोबारा शुरू हो जाती हैं। इसके पीछे स्थानीय नेटवर्क, तस्करी की मांग और कमजोर निगरानी बड़ी वजह मानी जाती है। प्रशासन की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए कठोर निरंतरता और पारदर्शी निगरानी बेहद जरूरी है।
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जिम्मेदारी निभाएं, प्रकृति बचाएं
अवैध खनन सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि हमारी धरती की सेहत के लिए सीधा खतरा है। प्राकृतिक संसाधनों की लूट भविष्य के लिए गंभीर संकट खड़ा करती है। नागरिक होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसे कार्यों की सूचना तुरंत प्रशासन को दें और अपने क्षेत्र की सुरक्षा में योगदान दें।
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