
#देवघर #साइबर_कार्रवाई : पाथरोल थाना क्षेत्र में पुलिस की संयुक्त छापेमारी में ऑनलाइन फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश—पक्का मकान बना रखा था ठगी का अड्डा।
- देवघर पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ अभियान में बड़ी सफलता हासिल की।
- एसपी सौरभ के आदेश पर डीएसपी राजा कुमार मित्रा की निगरानी में छापेमारी।
- पांच साइबर अपराधी गिरफ्तार, सभी अलग-अलग गांवों के निवासी।
- ठगी के लिए उपयोग किए जा रहे 5 मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड, 3 प्रतिबिम्ब सिम बरामद।
- पाथरोल थाना क्षेत्र में पक्का मकान पूरी तरह ऑनलाइन फ्रॉड हब के रूप में संचालित।
- जनवरी 2025 से अब तक 699 साइबर अपराधी गिरफ्तार, पुलिस की कड़ी कार्रवाई जारी।
देवघर में साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली। 24 नवंबर 2025 को पाथरोल थाना क्षेत्र में की गई छापेमारी में पुलिस ने पांच साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। ये ठग पीएम किसान योजना, कैशबैक ऑफर और अन्य स्कीमों के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे थे। पुलिस को इनके ठिकाने से कई आपत्तिजनक सामान मिला, जिससे इस गिरोह की सक्रियता और ठगी का तरीका स्पष्ट होता है।
पाथरोल में ऑनलाइन फ्रॉड हब का खुलासा
पुलिस ने जानकारी दी कि यह गिरोह पाथरोल क्षेत्र में एक पक्के मकान से साइबर ठगी का नेटवर्क चला रहा था। अलग-अलग नंबरों और प्रतिबिम्ब सिम का उपयोग कर यह टीम ग्रामीणों को कॉल कर योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर बैंक विवरण और ओटीपी हासिल करती थी।
इस अभियान का नेतृत्व एसपी सौरभ के निर्देश और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) राजा कुमार मित्रा की निगरानी में किया गया।
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपितों की पहचान
कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार आरोपितों की पहचान इस प्रकार है:
- दिलबर साही, उम्र 20 वर्ष, निवासी धोबाना, थाना पाथरोल।
- मोहम्मद आफताब अंसारी, उम्र 30 वर्ष, निवासी कसैया, थाना पाथरोल।
- जसीम अंसारी, उम्र 23 वर्ष, निवासी पंचरूखी, थाना पथरड्डा ओपी।
- इबरार अंसारी, उम्र 26 वर्ष, निवासी सिमरामोड़, थाना पाथरोल।
- असरफुल अंसारी, उम्र 30 वर्ष, निवासी रामपुर, थाना मारगोमुण्डा।
पांचों आरोपित लंबे समय से साइबर ठगी में सक्रिय थे और योजनाओं एवं सरकारी लाभ के नाम पर कई लोगों को चूना लगा चुके थे।
ठगी के सामान की जब्ती और गिरोह की तकनीक
छापेमारी के दौरान पुलिस ने ठगी में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण उपकरण बरामद किए:
- 5 मोबाइल फोन
- 10 सिम कार्ड
- 3 प्रतिबिम्ब सिम (क्लोन सिम)
इन उपकरणों की सहायता से यह गिरोह बैंकिंग ठगी, कस्टमर केयर फ्रॉड, कैशबैक ऑफर और पीएम किसान योजना के नाम पर फर्जी कॉल कर रहा था।
लोगों के मोबाइल में लिंक भेजकर जानकारी चुराना और खातों से पैसे निकालना इनके मुख्य तरीके थे।
जिले में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराधों पर अंकुश
जनवरी 2025 से अब तक देवघर पुलिस 699 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर चुकी है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि जिला प्रशासन इस समस्या को लेकर कितनी गंभीरता से कार्रवाई कर रहा है।
एसपी कार्यालय ने बताया कि आने वाले समय में ऐसे ठगों की निगरानी और तेज की जाएगी।
न्यूज़ देखो: साइबर ठगी पर पुलिस की सख्ती से बढ़ी सुरक्षा, पर जागरूकता भी जरूरी
देवघर में साइबर अपराध के खिलाफ चल रहा यह मजबूत अभियान न केवल अपराध पर रोक लगा रहा है, बल्कि आम लोगों में भी जागरूकता पैदा कर रहा है। पुलिस की तेज कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन नागरिकों को भी सतर्क रहना होगा और किसी भी कॉल या लिंक पर भरोसा करने से पहले जांच करनी होगी।
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डिजिटल सुरक्षा अब आपकी जिम्मेदारी भी
साइबर अपराध सिर्फ पुलिस का मुद्दा नहीं, बल्कि हर नागरिक के लिए बढ़ती चुनौती है। खुद को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक रहना, अनजान कॉल और लिंक से बचना, और जागरूकता फैलाना हमारी साझा जिम्मेदारी है।
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