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रांची में ईडी की बड़ी कार्रवाई: जमीन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में कई ठिकानों पर छापेमारी

#रांची #ईडी_छापेमारी : कांके प्रखंड की विवादित भूमि मामले में ईडी की टीम ने मंगलवार सुबह कई ठिकानों पर दस्तावेज खंगाले

मंगलवार की सुबह राजधानी रांची में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर जोरदार कार्रवाई की। कांके प्रखंड से जुड़े विवादित भूमि मामले में ईडी की टीम ने एक साथ कांके रिसॉर्ट, कडरू, अशोक नगर और सुखदेव नगर इलाके में छापेमारी की। सुबह-सुबह अचानक कई वाहनों के काफिले के साथ पहुंचे ईडी अधिकारियों ने संबंधित परिसरों को चारों ओर से घेर लिया और दस्तावेजों की बारीकी से जांच शुरू कर दी। इस अप्रत्याशित छापेमारी से इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

कांके की विवादित जमीन और मामला

सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई कांके प्रखंड के चामा मौजा की विवादित जमीन से जुड़ी है। यह भूमि सीएनटी एक्ट के तहत आदिवासी प्रकृति की मानी जाती है, जिसे कथित रूप से फर्जी दस्तावेज बनाकर “जनरल” कर खरीदा और बेचा गया। ईडी ने इस मामले का सत्यापन जुलाई 2024 में भी किया था। उस समय अंचल कार्यालय और कांके रिसॉर्ट जाकर संबंधित दस्तावेजों की जांच की गई थी और स्थानीय लोगों से भी बयान दर्ज किए गए थे।

जमीन माफिया और आरोपित

इस बहुचर्चित घोटाले में जमीन माफिया कमलेश कुमार सिंह और कांके रिसॉर्ट के मालिक बीके सिंह सहित कई आरोपितों के नाम सामने आ चुके हैं। जांच एजेंसी का मानना है कि अवैध खरीद-बिक्री कर मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस काले धन को वैध बनाने की कोशिश की गई।

कार्रवाई में मिले दस्तावेज और सुराग

सूत्रों का कहना है कि मंगलवार की कार्रवाई के दौरान ईडी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं। शुरुआती जांच में कुछ अहम सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। फिलहाल ईडी टीम जमीन कारोबारियों, बिल्डरों और आरोपितों से जुड़े लेन-देन की गहन पड़ताल कर रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।

न्यूज़ देखो: अवैध जमीन सौदों पर शिकंजा कसता ईडी

ईडी की छापेमारी यह संदेश देती है कि जमीन माफिया और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। आदिवासी जमीनों की अवैध खरीद-बिक्री न सिर्फ कानून का उल्लंघन है बल्कि समाज की बुनियाद पर भी चोट है। यह कार्रवाई बताती है कि न्यायिक और प्रशासनिक तंत्र ऐसे मामलों पर सख्त नजर रखे हुए हैं और आने वाले समय में बड़े खुलासे जनता के सामने आ सकते हैं।

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सजग रहें और अवैध गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाएं

यह मामला हमें यह सिखाता है कि अनुचित लाभ के लिए कानून और परंपराओं से खिलवाड़ कितना खतरनाक हो सकता है। जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में पारदर्शिता बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। अगर समाज के लोग जागरूक रहेंगे और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देंगे तो अवैध कारोबारियों पर नकेल कसना आसान होगा।
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