
#औरंगाबाद #नकलीदवाकारोबार : पुलिस और ब्रांड प्रोटेक्शन टीम की संयुक्त कार्रवाई में तहखाने से भारी मात्रा में नकली दवाएं व कॉस्मेटिक जब्त
- औरंगाबाद पुलिस व ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज की संयुक्त टीम की बड़ी कार्रवाई।
- टाउन थाना क्षेत्र के मार्केट के बेसमेंट से भारी मात्रा में नकली दवा व कॉस्मेटिक बरामद।
- हाई-रिजोल्यूशन सीसीटीवी और बंद शटर के बीच टीम ने छापेमारी की।
- एमरोलस्टार, निजरल शैम्पू, आहाग्लो जेल, हिमालया फेसवॉश सहित कई ब्रांडेड कंपनियों के नकली प्रोडक्ट मिले।
- दिल्ली से मंगाए जाते थे रैपर, बोतल, ढक्कन, बड़े नेटवर्क के सक्रिय होने के संकेत।
- बिहार औरंगाबाद–गया–मधेपुरा से लेकर मध्यप्रदेश ग्वालियर तक फैला था गिरोह का जाल।
औरंगाबाद, बिहार में नकली दवा के अवैध कारोबार का बड़ा खुलासा हुआ है। शुक्रवार को औरंगाबाद पुलिस और ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की संयुक्त टीम ने टाउन थाना क्षेत्र में एक मार्केट के तहखाने में छापेमारी की, जहां से करोड़ों रुपए मूल्य के नकली दवाओं और कॉस्मेटिक उत्पादों का विशाल जखीरा मिला। कार्रवाई के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और कई दुकानदारों ने मौके से बचने की कोशिश की।
कैसे हुआ बड़ा खुलासा?
जांच टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि फारम के पास इंडियन पेट्रोल पंप के सामने स्थित एक घर के बेसमेंट में बड़े पैमाने पर नकली दवाएं बनाई और सप्लाई की जा रही हैं।
सूचना के बाद नगर थाना पुलिस और ब्रांड प्रोटेक्शन टीम मौके पर पहुंची।
- टीम ने जब दुकानों के पास पहुंचकर देखा, तो सभी शटर बंद मिले।
- बाहर हाई-रिजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गये थे, जिससे अंदर होने वाली हर गतिविधि पर निगरानी रखी जा रही थी।
जैसे ही टीम ने अंदर प्रवेश किया, वहां मल्टीनेशनल कंपनियों के नकली उत्पादों का पहाड़ देखकर अधिकारी भी दंग रह गए।
किन कंपनियों की मिली नकली दवाएं?
छापेमारी में जो नकली उत्पाद जब्त किए गए, उनमें शामिल हैं—
- एरिस ओकनेट कंपनी की एमरोलस्टार दवा
- एलायंस फार्मा का निजरल शैम्पू
- बी-वन कंपनी की टेविंब्रा
- टॉरेंट फार्मा का आहाग्लो जेल
- हिमालया का नीम फेसवॉश
इसके अलावा कई अन्य फार्मा और कॉस्मेटिक कंपनियों के उत्पादों की भी भारी मात्रा मिली है। पुलिस ने सभी सामानों को जब्त कर लिया है।
दिल्ली से आता था नकली पैकेजिंग मटेरियल
छापेमारी के दौरान हजारों की संख्या में फर्जी रैपर, खाली बोतलें, ढक्कन, स्प्रे कैप, पाउच और बॉक्स पैकेजिंग भी बरामद हुई।
जांच में पता चला कि—
- नकली पैकिंग के लिए दिल्ली से सामग्री मंगाई जाती थी।
- उत्पादों की सप्लाई बिहार के औरंगाबाद, गया, मधेपुरा से लेकर एमपी के ग्वालियर तक होती थी।
- दवाओं की बिक्री ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में की जा रही थी।
यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और करोड़ों के इस व्यापार से लाखों लोगों की सेहत खतरे में पड़ रही थी।
कैसे काम करता था गिरोह?
जांच में यह प्रारंभिक बातें सामने आईं—
- गिरोह असली दवाओं के ब्रांड नाम, रैपर और बोतलों की हूबहू कॉपी बनाकर फर्जी उत्पाद तैयार करता था।
- कम कीमत पर बाजार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स में सप्लाई करता था।
- दुकानों के शटर बंद रखे जाते थे ताकि कोई शक न हो।
- सीसीटीवी कैमरे से पुलिस या बाहरी मूवमेंट पर नजर रखी जाती थी।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
औरंगाबाद पुलिस ने सभी नकली उत्पादों को जब्त कर लिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
- गिरोह के सरगना और सप्लायर की तलाश चल रही है।
- पैकिंग मटेरियल भेजने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
- नकली दवाओं की डिस्ट्रीब्यूशन चेन की पहचान की जा रही है।
ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज के फील्ड ऑफिसर मजाज अहमद ने बताया कि इस छापेमारी से स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा टला है।
न्यूज़ देखो: नकली दवा का धंधा—जनता की जान से खिलवाड़
नकली दवाओं का कारोबार सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि सीधे-सीधे आम जनता की सेहत और जिंदगी से खिलवाड़ है। इस तरह के गिरोहों पर सख्त कार्रवाई और निगरानी जरूरी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सेहत से समझौता न करें—जागरूक बनें, असली दवाएं ही खरीदें
किसी भी दवा को खरीदते समय पैकिंग, फार्मा कंपनी का नाम व बैच नंबर अवश्य जांचें। संदिग्ध दवाओं की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
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