#SadarHospitalRanchi #ACLsurgerySuccess #ArthroscopyJharkhand – आधुनिक तकनीक से रांची में सरकारी अस्पताल में पहली बार हुआ आर्थ्रोस्कोपी ACL ऑपरेशन, गंभीर घुटना चोट के इलाज में मिली कामयाबी
- सदर अस्पताल में पहली बार सफलतापूर्वक की गई आधुनिक की-होल आर्थ्रोस्कोपी ACL सर्जरी
- ऑपरेशन में इंटरनल ब्रेसिंग तकनीक का हुआ इस्तेमाल, बिना बड़े चीरे के किया गया सर्जरी
- ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मुजम्मिल और डॉ. प्रभात रंजन के नेतृत्व में हुआ ऑपरेशन
- घुटने में लचक और दर्द से परेशान मरीज अब तेजी से हो रहा है स्वस्थ
- डॉक्टरों ने कहा – लिगामेंट चोट को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
सरकारी अस्पताल में तकनीकी प्रगति की मिसाल
रांची के सदर अस्पताल ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है। शनिवार को अस्पताल में पहली बार एक मरीज के घुटने की सफल ‘की-होल’ आर्थ्रोस्कोपी एसीएल सर्जरी की गई। यह उपलब्धि सरकारी चिकित्सा संस्थानों की तकनीकी क्षमताओं को दर्शाती है।
सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने इस उपलब्धि के लिए डॉक्टरों की टीम को बधाई दी है।
इंटरनल ब्रेसिंग तकनीक से की गई जटिल सर्जरी
ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मुजम्मिल और डॉ. प्रभात रंजन के नेतृत्व में की गई इस सर्जरी में ‘इंटरनल ब्रेसिंग’ जैसी अत्याधुनिक चिकित्सा विधि का इस्तेमाल किया गया। यह तकनीक आमतौर पर केवल बड़े निजी अस्पतालों में उपलब्ध होती थी, लेकिन अब सदर अस्पताल जैसे सरकारी संस्थान भी इसमें दक्षता हासिल कर चुके हैं।
दर्द से कराह रहा था मरीज, अब तेजी से सुधार
घुटने की गंभीर चोट से जूझ रहे एक मरीज को काठीटांड़ स्थित निजी अस्पताल से रेफर कर सदर अस्पताल लाया गया था। मरीज को पिछले चार महीनों से दर्द, लचक और चलने में दिक्कत की शिकायत थी। एमआरआई रिपोर्ट में ACL लिगामेंट पूरी तरह क्षतिग्रस्त पाया गया।
ऑर्थो टीम ने आर्थ्रोस्कोपी तकनीक से सफल सर्जरी की और मरीज की हालत अब तेजी से बेहतर हो रही है।
चोट को न करें नजरअंदाज: डॉक्टरों की चेतावनी
डॉ. मुजम्मिल ने कहा कि ACL जैसी लिगामेंट चोटों का समय पर इलाज बेहद आवश्यक होता है। अगर इस प्रकार की समस्याओं को नजरअंदाज किया जाए, तो इससे घुटनों के जोड़ समय से पहले घिस सकते हैं, और व्यक्ति को आर्थराइटिस जैसी जटिल बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
ऑपरेशन टीम ने निभाई अहम भूमिका
इस ऑपरेशन को सफल बनाने में कई लोगों का योगदान रहा। डॉ. प्रभात रंजन, एनेस्थेटिस्ट डॉ. दीपक, ओटी असिस्टेंट मुकेश, अनीता, नीरज और अन्य सहयोगी स्टाफ की सक्रिय भूमिका रही, जिन्होंने इस सर्जरी को बेहतरीन ढंग से अंजाम दिया।
न्यूज़ देखो : सरकारी अस्पतालों में भी मुमकिन है बेहतरीन इलाज
न्यूज़ देखो इस तरह के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में हो रही तकनीकी प्रगति का स्वागत करता है। रांची सदर अस्पताल की यह सफलता साबित करती है कि सरकारी सुविधाओं के माध्यम से भी आम लोगों को गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराया जा सकता है।
यह उदाहरण उन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है जो सरकारी अस्पतालों को कमतर आंकते हैं। आने वाले समय में ऐसी तकनीकों का प्रसार हर जिले तक पहुँचे — यही उम्मीद है।