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गिरिडीह दिशा बैठक में उठे जनहित के बड़े सवाल, अन्नपूर्णा देवी ने अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश

#गिरिडीह #दिशासमितिबैठक : जिला योजनाओं की समीक्षा बैठक में बगोदर के विकास कार्यों की धीमी रफ्तार और गड़बड़ियों पर उठी तीखी आवाजें — पारदर्शिता और गुणवत्ता पर केंद्रीय मंत्री ने जताई सख्ती

दिशा बैठक में शामिल हुए कई प्रमुख प्रतिनिधि

गिरिडीह नगर भवन में मंगलवार को जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री एवं कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने की। उनके साथ गिरिडीह विधायक सह मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, बगोदर विधायक नागेंद्र महतो, गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद, उपायुक्त रामनिवास यादव, उपविकास आयुक्त, और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में संचालित विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति, समन्वय और क्रियान्वयन की समीक्षा करना था।

बगोदर विधायक ने उठाए क्षेत्रीय समस्याओं के मुद्दे

बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने अपने विधानसभा क्षेत्र में संचालित योजनाओं की अद्यतन स्थिति से सभी को अवगत कराया। उन्होंने कई प्रमुख मुद्दों को उठाते हुए कहा कि:

विधायक नागेंद्र महतो ने कहा: “स्थानीय प्रतिनिधियों की बातें सुनी जाएं और जनता की प्राथमिक जरूरतों को जल्द पूरा किया जाए। योजनाएं धरातल पर उतरनी चाहिए, सिर्फ कागजों पर नहीं।”

केंद्रीय मंत्री ने दिए पारदर्शिता और गुणवत्ता के निर्देश

अन्नपूर्णा देवी ने समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले के सभी विकास योजनाओं में पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह स्पष्ट कहा कि सरकार की मंशा विकास को हर घर तक पहुंचाने की है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही जनता के भरोसे को तोड़ सकती है।

अन्नपूर्णा देवी ने निर्देश दिया: “बगोदर जैसे पिछड़े क्षेत्रों में योजनाओं का असर दिखना चाहिए। कोई भी काम लापरवाही से न हो — हर योजना का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे, यही उद्देश्य है।”

उन्होंने अधिकारियों से योजनाओं की मॉनिटरिंग रिपोर्ट त्वरित रूप से प्रस्तुत करने को भी कहा।

जनता की प्राथमिकता पर हो काम

बैठक में यह भी तय हुआ कि भविष्य में योजनाओं की गुणवत्ता जांच के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी निरीक्षण की भूमिका दी जाएगी। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि जनता की प्राथमिकताओं को समझे बिना योजनाएं कारगर नहीं हो सकतीं।

विधायक और सांसदों ने आपसी समन्वय से योजनाओं को प्रभावी बनाने पर जोर दिया और कहा कि जिला प्रशासन को जनता की आवाज़ को प्राथमिकता पर सुनना चाहिए।

न्यूज़ देखो: जनप्रतिनिधियों की सजगता, प्रशासन की कसौटी

‘न्यूज़ देखो’ की टीम ने दिशा बैठक की कार्यवाही को नज़दीक से देखा। यह स्पष्ट है कि जब जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की समस्याओं को गंभीरता से उठाते हैं, तो प्रशासनिक व्यवस्था को भी जवाबदेह बनना पड़ता है। इस बैठक में जनहित के मुद्दों पर खुली चर्चा और कार्रवाई के निर्देशों ने लोकतांत्रिक संवाद को मजबूत किया है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग नागरिकों से बनता है जवाबदेह प्रशासन

गिरिडीह जैसे जिलों में अगर नागरिक सक्रिय रहें, तो योजनाएं ज़मीन पर उतरती हैं। आइए, हम सभी अपनी-अपनी पंचायत, प्रखंड और वार्ड में योजनाओं पर निगरानी रखें, अपने जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाए रखें और विकास की प्रक्रिया में भागीदार बनें।

आप इस खबर पर अपनी राय नीचे कमेंट में दें, और इसे अपने दोस्तों और परिजनों के साथ शेयर करें — ताकि और लोग भी जागरूक बनें।

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