
#सिमडेगा #कृषि_विकास : केंद्रीय प्रभारी ने विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति, लिफ्ट इरिगेशन, मत्स्य योजनाओं और प्रोसेसिंग यूनिट की संभावनाओं का किया विस्तृत निरीक्षण
- श्री नन्द कुमारम, केंद्रीय प्रभारी ने 28 नवंबर 2025 को सिमडेगा जिले का दौरा किया।
- समीक्षा बैठक में उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह समेत सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
- एफपीओ, वन उपज प्रोसेसिंग, दूध प्रोसेसिंग यूनिट और सीडी रेशियो को सुधारने पर विशेष जोर दिया गया।
- खुँटीटोली में लिफ्ट इरिगेशन परियोजनाओं का निरीक्षण और किसानों से सीधा संवाद।
- केलाघाट में मत्स्य विभाग की योजनाओं का मूल्यांकन, प्रबंधन और मार्केट लिंकेज की जानकारी ली गई।
प्रधानमंत्री कृषि धन-धान्य योजना के अंतर्गत आकांक्षी कृषि जिले के केंद्रीय प्रभारी श्री नन्द कुमारम ने 28 नवंबर 2025 को सिमडेगा में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों की विस्तृत समीक्षा की। जिला स्तर पर आयोजित बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति, चुनौतियों और आगे की आवश्यकताओं पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके बाद प्रभारी अधिकारी ने मैदानी क्षेत्रों में लिफ्ट इरिगेशन और मत्स्य योजनाओं का निरीक्षण कर जमीनी हकीकत का अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान किसानों, वैज्ञानिकों और अधिकारियों से फीडबैक लेते हुए सुधारात्मक दिशा-निर्देश भी दिए गए।
समाहरणालय में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक
समीक्षा बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त सिमडेगा श्रीमती कंचन सिंह ने की। बैठक की शुरुआत में केंद्रीय प्रभारी ने कृषि एवं संबद्ध विभागों द्वारा संचालित प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं की अब तक की प्रगति का आकलन किया।
इस दौरान उन्होंने जिले के सीडी रेशियो को “काफी कम” बताते हुए इसे तत्काल सुधारने का निर्देश एलडीएम श्री सन्नी लकड़ा को दिया। उन्होंने कहा:
श्री नन्द कुमारम ने कहा: “कृषि आधारित जिले में वित्तीय गतिविधियों का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है, इसलिए सीडी रेशियो में सुधार प्राथमिकता है।”
एफपीओ की गतिविधियों और वन उपज प्रोसेसिंग पर निर्देश
बैठक में जिले के एफपीओ (कृषक उत्पादक संगठन) की गतिविधियों की भी समीक्षा की गई। प्रभारी ने सुझाव दिया कि जिला प्रशासन के सहयोग से जिले में वनोपज प्रोसेसिंग हेतु छोटे स्तर पर प्लांट स्थापित किया जा सकता है, जिससे किसानों को बाजार आधारित स्थायी आय प्राप्त होगी।
दूध उत्पादन और प्रोसेसिंग यूनिट की संभावनाओं पर जोर
पशुपालन विभाग की समीक्षा के क्रम में उन्होंने जिले में उत्पादित दूध की प्रोसेसिंग के लिए स्थानीय प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना हेतु आवश्यक कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए।
यह कदम किसानों और दुग्ध उत्पादकों के लिए बड़ा आर्थिक लाभ सुनिश्चित करेगा। उन्होंने स्पष्ट कहा:
श्री नन्द कुमारम ने कहा: “दूध का स्थानीय स्तर पर प्रोसेसिंग प्लांट खुलने से किसानों की आय बढ़ेगी और बिचौलिया तंत्र पर निर्भरता कम होगी।”
मैदानी निरीक्षण: खुँटीटोली में लिफ्ट इरिगेशन परियोजनाओं का मूल्यांकन
बैठक के बाद प्रभारी अधिकारी ने सिमडेगा प्रखंड के खुँटीटोली क्षेत्र का दौरा कर लिफ्ट इरिगेशन परियोजनाओं का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया।
यहाँ कृषि विभाग द्वारा स्थापित लिफ्ट इरिगेशन प्रणाली के माध्यम से किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने किसानों से संवाद किया, उनकी समस्याएँ सुनी और परियोजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
केलाघाट में मत्स्य विभाग की योजनाओं का विस्तृत निरीक्षण
इसके बाद केंद्रीय प्रभारी केलाघाट, सिमडेगा पहुँचे, जहाँ मत्स्य विभाग द्वारा संचालित मत्स्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई।
उन्होंने तालाब प्रबंधन, उत्पादन क्षमता, बाजारीकरण और मार्केट लिंकेज से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
उनका जोर था कि योजनाओं को किसान-मछुआरों की वास्तविक आय वृद्धि से जोड़ा जाए।
निरीक्षण के दौरान उपस्थित अधिकारी
निरीक्षण और समीक्षा बैठक में निम्न अधिकारी उपस्थित रहे:
- उप विकास आयुक्त श्री दिपांकर चौधरी
- जिला कृषि पदाधिकारी श्रीमति माधुरी टोप्पों
- जिला मत्स्य पदाधिकारी श्रीमति सीमा टोप्पों
- जिला सहकारिता पदाधिकारी श्री आत्म अभय टोप्पों
- भूमि संरक्षण पदाधिकारी श्री विलसन डुंगडुंग
- वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र बानो – श्री सनद सवैया
- एलडीएम श्री सन्नी लकड़ा
- जिला पशुपालन पदाधिकारी सह गव्य विकास पदाधिकारी (सिमडेगा)
- कृषि निरीक्षक श्री शंकर प्रसाद
- उप परियोजना निदेशक, आत्मा – श्री प्रवीण सिंह
- एफपीओ के सीईओ/सचिव
इन सभी की उपस्थिति से समीक्षा बैठक बहु-विभागीय समन्वय की दृष्टि से अत्यंत सफल रही।
न्यूज़ देखो: सिमडेगा के कृषि क्षेत्र में संभावनाओं की नई रफ्तार
सिमडेगा जिले में कृषि, वनोपज और मत्स्य क्षेत्र में संभावनाएँ बहुत बड़ी हैं, और यह दौरा इन्हें गति देने वाला साबित हो सकता है।
केंद्रीय प्रभारी द्वारा सीडी रेशियो से लेकर प्रोसेसिंग यूनिट तक दिए गए निर्देश दर्शाते हैं कि भविष्य में किसानों की आय बढ़ाने पर विशेष फोकस रहेगा।
जिले में लिफ्ट इरिगेशन और मत्स्य योजनाओं का विस्तार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला कदम है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
कृषि परिवर्तन की ओर एक कदम
कृषि, सिंचाई और मत्स्य विकास जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से सुधार तभी संभव है जब किसान, प्रशासन और विभागीय टीमें एक साथ मिलकर काम करें।
सिमडेगा में किए जा रहे ये प्रयास न केवल विकास की दिशा तय कर रहे हैं, बल्कि हजारों किसानों के बेहतर भविष्य की नींव भी तैयार कर रहे हैं।
अब समय है कि हर नागरिक अपनी भूमिका समझे — योजनाओं को जाने, उनका लाभ उठाए और अपनी बात प्रशासन तक पहुँचाने में सक्रिय रहें।
कृषि सिर्फ खेती नहीं, बल्कि एक मजबूत आर्थिक आधार है जिसे सामूहिक प्रयासों से ही सशक्त किया जा सकता है।
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