
#दुमका #सड़क_दुर्घटना : शिकारीपाड़ा की जली युवती के इलाज से दुर्गापुर अस्पताल ने इंकार किया—प्रशासन ने तुरंत हस्तक्षेप कर पीड़िता को पीजेएमसीएच में भर्ती कराया।
- माकु मुर्मू, गंभीर रूप से जली युवती को दुर्गापुर अस्पताल ने इलाज से किया इंकार।
- परिजन शनिवार रात उसे लेकर सीतासाल गांव लौटे।
- सूचना मिलते ही BDO, CO, थाना प्रभारी और चिकित्सक मौके पर पहुंचे।
- पीड़िता को एंबुलेंस से PJMCH दुमका में कराया गया भर्ती।
- प्रशासन ने आर्थिक सहयोग का आश्वासन दिया।
- पेट्रोल छिड़ककर जलाने के आरोप में मुख्य आरोपी मोगला देहरी गिरफ्तार, जेल भेजा गया।
शिकारीपाड़ा की गंभीर रूप से जली युवती माकु मुर्मू के मामले में शनिवार देर रात बड़ा मोड़ आया, जब दुर्गापुर अस्पताल ने उसकी स्थिति गंभीर बताते हुए इलाज से मना कर दिया। मजबूर होकर परिजन उसे वापस सीतासाल गांव ले आए। मामले की सूचना प्रशासन तक पहुँचते ही रविवार सुबह BDO, CO, थाना प्रभारी और चिकित्सा टीम खुद उसके घर पहुंचे और तुरंत एंबुलेंस की व्यवस्था कर पीड़िता को दुमका के फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रशासन ने इलाज में हर संभव आर्थिक सहायता देने का भरोसा दिलाया है।
दुर्गापुर अस्पताल ने क्यों किया इलाज से इंकार
परिजनों के अनुसार युवती की स्थिति अत्यंत गंभीर थी और पेट्रोल जलने से शरीर का बड़ा हिस्सा झुलस गया था। दुर्गापुर अस्पताल ने उसकी स्थिति को देखते हुए बेहतर चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता बताते हुए उसे रखने से मना कर दिया। इससे परिवार परेशान और असहाय हो गया।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
सूचना मिलते ही प्रशासनिक टीम रविवार सुबह गांव पहुँची। अधिकारियों ने पूरी स्थिति का जायजा लिया और बिना देरी पीड़िता को दुमका PJMCH ले जाने का निर्णय लिया। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने भी मौके पर प्राथमिक उपचार दिया। अधिकारियों ने यह भी कहा कि इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी, ताकि परिवार पर कोई आर्थिक बोझ न पड़े।
आरोपी मोगला देहरी गिरफ्तार
घटना के संबंध में पुलिस ने मुख्य आरोपी मोगला देहरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोप है कि उसने पेट्रोल छिड़ककर माकु मुर्मू को आग लगा दी। पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है और अन्य पहलुओं की भी पड़ताल की जा रही है।
सामाजिक स्तर पर बढ़ी चिंता
घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कार्रवाई और जागरूकता जरूरी है। पीड़िता की स्थिति नाजुक बताई जा रही है और पूरा गांव उसके स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहा है।
न्यूज़ देखो: हिंसा के हर मामले में त्वरित कार्रवाई जरूरी
इस घटना ने फिर साबित किया है कि गंभीर मामलों में प्रशासन की त्वरित मौजूदगी पीड़ित के जीवन के लिए कितनी महत्वपूर्ण होती है। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और रेफर सिस्टम की चुनौतियाँ ग्रामीण इलाकों के लिए अभी भी एक बड़ा मुद्दा हैं। जरूरत है मजबूत चिकित्सा संरचना और संवेदनशील प्रशासनिक नजर रखने की।
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हिंसा मुक्त समाज की दिशा में कदम
समाज तब ही सुरक्षित बनता है जब हर नागरिक, हर संस्था और प्रशासन सामूहिक जिम्मेदारी निभाए। महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकना सभी का कर्तव्य है। अब समय है कि हम सब न्याय, सुरक्षा और संवेदना के साथ खड़े हों। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि जागरूकता बढ़े।





