
#गढ़वा #स्वास्थ्य_जागरूकता : सदर अस्पताल से शुरू हुआ पुरुष नसबंदी अभियान, स्वास्थ्य अधिकारियों ने जागरूकता और सुविधा की जानकारी दी
- गढ़वा में पुरुष नसबंदी अभियान 2025 की शुरुआत गुरुवार को सदर अस्पताल परिसर से हुई।
- कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी, प्रभारी उपाधीक्षक डॉ नौशाद आलम, और डीपीएम गौरव कुमार ने दीप जलाकर किया।
- सिविल सर्जन ने कहा कि पुरुष नसबंदी पूरी तरह सुरक्षित है, इसमें कोई टांका या चीरा नहीं लगता।
- अभियान के तहत जिले में 302 नसबंदी का लक्ष्य रखा गया है और सफलता पर 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
- सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पुरुष नसबंदी की सुविधा उपलब्ध होगी, इच्छुक लोग सीधे सदर अस्पताल या CHC में संपर्क कर सकते हैं।
- इस मौके पर स्वास्थ्य कर्मी डॉ जियाउल हक, डॉ सुशील रमण, हॉस्पिटल मैनेजर सुनील मणि त्रिपाठी, प्रधान सहायक हुमायूं कबीर, विमलेश पासवान समेत अन्य उपस्थित रहे।
गुरुवार को गढ़वा जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से पुरुष नसबंदी अभियान 2025 की शुरुआत सदर अस्पताल परिसर से हुई। कार्यक्रम में दीप जलाकर उद्घाटन किया गया और जागरूकता रथ भी रवाना किया गया। सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी ने पुरुष नसबंदी के सुरक्षित होने की जानकारी देते हुए कहा कि यह प्रक्रिया केवल 10 मिनट में पूरी हो जाती है और इसमें कोई टांका या चीरा नहीं लगता। उन्होंने बताया कि अब तक जिले में ज्यादातर बंध्याकरण महिलाएं ही कराती रही हैं, जो समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
अभियान का उद्देश्य और लक्ष्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पुरुषों को नसबंदी के प्रति जागरूक करना और भ्रांतियों को दूर करना है। डॉ कैनेडी ने कहा कि पुरुषों द्वारा नसबंदी कराने से परिवार पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और महिलाओं पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। इस वर्ष जिले में 302 पुरुषों को नसबंदी कराने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान में सफलता पाने वाले पुरुषों को 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि उनके खाते में दी जाएगी। इसके अलावा, अभियान में बेहतर प्रदर्शन करने वाले सहिया को भी सम्मानित किया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी ने कहा: “पुरुष नसबंदी बिल्कुल सुरक्षित है, इसमें किसी भी प्रकार की चोट नहीं होती और यह केवल 10 मिनट में पूरी हो जाती है। यह समाज और परिवार दोनों के लिए फायदेमंद है।”
स्वास्थ्य केंद्र और सुविधा
डीपीएम गौरव कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल के साथ-साथ सभी सीएचसी में भी पुरुष नसबंदी की सुविधा उपलब्ध होगी। इच्छुक लोग सीधे स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क कर नसबंदी करा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महिला बंध्याकरण की जगह पुरुष नसबंदी कराना ज्यादा सुरक्षित और दर्द रहित विकल्प है। इसके साथ ही परिवार नियोजन में बच्चे के बीच पर्याप्त अंतराल रखना भी जरूरी है।
डीपीएम गौरव कुमार ने कहा: “बेहतर परिवार और सुरक्षित बच्चों के लिए पुरुषों को नसबंदी करवाना अनिवार्य है। इससे महिला पर बोझ कम होगा और प्रक्रिया आसान होगी।”
मौके पर मौजूद अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मी
कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी, प्रभारी उपाधीक्षक डॉ नौशाद आलम, डीपीएम गौरव कुमार, डॉ जियाउल हक, डॉ सुशील रमण, हॉस्पिटल मैनेजर सुनील मणि त्रिपाठी, प्रधान सहायक हुमायूं कबीर, विमलेश पासवान सहित कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे। सभी ने पुरुष नसबंदी और परिवार नियोजन के महत्व पर जोर दिया और ग्रामीणों व मरीजों को जागरूक किया।

न्यूज़ देखो: पुरुष नसबंदी से परिवार सुरक्षित और स्वास्थ्य सशक्त
यह अभियान दिखाता है कि पुरुषों की भागीदारी परिवार नियोजन में जरूरी है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का प्रयास सराहनीय है क्योंकि इससे न केवल परिवार सुरक्षित रहेगा बल्कि महिलाओं पर अतिरिक्त बोझ भी कम होगा। जिले में जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए यह अभियान महत्वपूर्ण कदम है।
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सुरक्षित परिवार, स्वस्थ समाज
पुरुष नसबंदी जैसी सुविधाओं का लाभ उठाकर हर परिवार अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकता है। जागरूक रहें, भ्रांतियों को दूर करें और स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर सही जानकारी प्राप्त करें। अपनी राय कमेंट में साझा करें, इस खबर को अधिक लोगों तक पहुँचाएँ और परिवार नियोजन में सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा दें।





