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मलेरिया उन्मूलन में जागरूकता की भूमिका: डॉ. अशोक कुमार

#गढ़वा #मलेरिया उन्मूलन — जागरूकता से मलेरिया को जड़ से खत्म करने की दिशा में कदम

  • सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार का मलेरिया उन्मूलन को लेकर अहम बयान
  • मलेरिया के मामलों में निरंतर कमी आ रही है, फिर भी जागरूकता जरूरी
  • 2023 और 2024 के आंकड़ों में मलेरिया के मामलों में कमी, 2025 में बढ़े मामले
  • भंडारिया और मझिआंव में मलेरिया के कुछ मामले अभी भी जारी
  • मच्छरदानी के प्रयोग और जलजमाव पर नियंत्रण की अपील
  • मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता अभियान और मेडिकेटेड मच्छरदानी वितरण का प्रस्ताव

मलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूकता अहम

गढ़वा, 24 अप्रैल 2025: सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने मलेरिया उन्मूलन के लिए जिले में किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि मलेरिया के मामलों में निरंतर कमी आई है, लेकिन फिर भी कुछ स्थानों पर यह समस्या बनी हुई है। विश्व मलेरिया दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने मलेरिया के उन्मूलन के लिए जन जागरूकता की अहमियत पर जोर दिया।

डॉ. अशोक ने कहा, “हमारे कार्यों की सफलता के बावजूद, मलेरिया के कुछ मामले अब भी सामने आ रहे हैं, खासकर भंडारिया और मझिआंव क्षेत्र में। इन इलाकों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि मलेरिया का पूरी तरह से उन्मूलन किया जा सके।”

मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम की सफलता

सिविल सर्जन ने पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि जिले में मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के तहत किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। 2023 में 174 लोगों ने मलेरिया जांच कराई, जिसमें 150 पीवी (Plasmodium Vivax) और 24 पीएफ (Plasmodium Falciparum) रिपोर्ट हुए थे। 2024 में 109 लोगों ने जांच कराई, जिसमें 78 पीवी और 31 पीएफ रिपोर्ट हुए। 2025 में यह संख्या घटकर 34 तक आ गई, जिसमें 22 पीवी और 12 पीएफ रिपोर्ट किए गए।

इस गिरावट के बावजूद, भंडारिया में मलेरिया के मामलों में वृद्धि देखी गई है, और इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

मच्छरदानी का प्रयोग अनिवार्य

सिविल सर्जन ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें, क्योंकि मलेरिया फैलाने वाला मादा एनोफिलीज मच्छर रात के समय सक्रिय होता है। उन्होंने यह भी कहा कि जलजमाव वाले स्थानों में मलेरिया के मच्छर पनपते हैं, इसलिए घरों के आसपास जलजमाव न होने दिया जाए। साथ ही, सप्ताह में एक बार अपने कूलर, फ्रीज, और एसी को साफ करें, ताकि मच्छरों की संख्या कम हो सके।

मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने की योजना

डॉ. अशोक ने कहा, “मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में हम जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे, ताकि लोग मलेरिया के लक्षणों के बारे में जान सकें और समय पर इलाज करवा सकें।”

इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी बताया कि मलेरिया के मामलों में वृद्धि वाले क्षेत्रों में मेडिकेटेड मच्छरदानी का वितरण किया जाएगा, ताकि मच्छरों से बचाव किया जा सके।

मलेरिया की जांच एवं इलाज की निशुल्क सुविधा

सिविल सर्जन ने यह भी बताया कि सदर अस्पताल में मलेरिया की जांच की अच्छी व्यवस्था है, और यह निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि किसी को बुखार हो तो तुरंत स्वास्थ्य सहिया या एएनएम से संपर्क करें और सरकारी अस्पतालों में इलाज कराएं।

“मलेरिया के मामलों को जड़ से समाप्त करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा और जागरूकता को बढ़ाना होगा।”
डॉ. अशोक कुमार, सिविल सर्जन

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