
#गुमला #कुपोषण_प्रशिक्षण : अल्बर्ट एक्का जारी में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में एएनएम, सहिया, सहिया साथी और बीटीटी को मिली उपयोगी जानकारी
- दिनांक 31 अक्टूबर 2025 को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एलवर्ट एक्का जारी, गुमला में आयोजित हुआ एक दिवसीय कुपोषण उपचार प्रबंधन (SAM Management Training)।
- प्रशिक्षण का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सहयोग से MTC द हंस फाउंडेशन द्वारा किया गया।
- प्रशिक्षण में ANM, सहिया, सहिया साथी, BTT समेत अनेक सेवा प्रदाताओं ने भाग लिया।
- प्रशिक्षण का संचालन मास्टर ट्रेनर सुचित्रा टोप्पो ने किया, साथ रहे डॉ. अलवेल, स्वामी विवेकानंद, राजेश केरकेट्टा और कृष्ण मोहन मिश्रा।
- संतुलित आहार, खाद्य समूह, हजार दिन और स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी गई।
गुमला जिले के जारी प्रखंड में कुपोषण की समस्या से निपटने और स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एलवर्ट एक्का जारी के सभागार में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सहयोग से MTC द हंस फाउंडेशन द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्यकर्मियों और सेवा प्रदाताओं को कुपोषण उपचार की समुचित जानकारी देना था।
मास्टर ट्रेनर ने दी कुपोषण प्रबंधन की विस्तृत जानकारी
प्रशिक्षण का संचालन सुचित्रा टोप्पो ने किया, जिन्होंने प्रतिभागियों को मालन्यूट्रिशन ट्रीटमेंट सेंटर (MTC) में कुपोषण प्रबंधन की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। उनके साथ द हंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर स्वामी विवेकानंद, चिकित्सा प्रभारी डॉ. अलवेल सर, BPM राजेश केरकेट्टा एवं CDS कृष्ण मोहन मिश्रा भी मौजूद रहे।
मास्टर ट्रेनर सुचित्रा टोप्पो ने कहा: “कुपोषण से लड़ाई केवल इलाज की नहीं, बल्कि जागरूकता की भी है। हर स्तर पर सही जानकारी और पोषण जागरूकता जरूरी है।”
कार्यक्रम में प्रतिभागियों को संतुलित आहार, खाद्य समूहों के महत्व, हजार दिन की अवधारणा, और कुपोषण की स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर प्रशिक्षण दिया गया। सभी सेवा प्रदाताओं को यह भी बताया गया कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं में पोषण सुधारने के लिए किस तरह सामुदायिक स्तर पर काम करना चाहिए।
द हंस फाउंडेशन की जनकल्याण में सक्रिय भूमिका
इस प्रशिक्षण में द हंस फाउंडेशन की प्रतिबद्धता को विशेष रूप से रेखांकित किया गया। संगठन लंबे समय से समाज के well-being और स्वास्थ्य संवर्धन के लिए कार्य कर रहा है। कार्यक्रम को राज्य स्तर पर क्षमता वर्धन (capacity building) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।
टांगरडीह में भी हुआ प्रशिक्षण सत्र
इसी क्रम में 30 अक्टूबर 2025 को उच्च विद्यालय टांगरडीह, डुमरी में भी प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में भी डॉ. अलवेल, BPM राजेश केरकेट्टा, CDS सुनिल कुमार, देवमुनी, हेल्थ न्यूट्रिशन एक्सपर्ट काजल और हाउसकीपिंग संगीता ने सक्रिय भागीदारी निभाई। सभी ने स्वास्थ्य, पोषण और समुदायिक जागरूकता के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. अलवेल ने कहा: “स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए जरूरी है कि जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले कर्मी प्रशिक्षित और जागरूक हों। यही स्वस्थ समाज की नींव है।”
प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रतिभागियों को सामुदायिक पोषण कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग, डेटा प्रबंधन और गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान की विधियों पर भी विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।

न्यूज़ देखो: प्रशिक्षण से खुले स्वस्थ समाज के रास्ते
डुमरी में आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रशासन और संस्थाओं की संयुक्त प्रतिबद्धता का उदाहरण है। जब स्वास्थ्यकर्मी सशक्त और प्रशिक्षित होंगे, तभी समाज में कुपोषण जैसी गंभीर समस्या से प्रभावी रूप से मुकाबला संभव होगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्वस्थ समाज की दिशा में एक कदम
कुपोषण केवल बीमारी नहीं, बल्कि सामाजिक चुनौती है। जब हर स्वास्थ्यकर्मी, सहिया और नागरिक इस मिशन से जुड़ेंगे, तभी हर बच्चा स्वस्थ और हर मां सुरक्षित होगी। अब समय है जागरूकता को आंदोलन बनाने का। अपनी राय कमेंट करें, खबर को शेयर करें और मिलकर कुपोषण मुक्त समाज बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएं।




