#मनातू #पलामू #मनरेगा_घोटाला — नौडीहा पंचायत में मृतकों के नाम पर भी चल रही है मजदूरी, जांच के घेरे में अधिकारी
- मृत महिला सोहबतिया देवी के नाम पर मनरेगा मजदूरी का भुगतान
- सिंचाई कूप और मेड़बंधी निर्माण में दिखाया गया मृत महिला का श्रम
- रोजगार सेवक संजय कुमार गुप्ता पर पहले से दर्ज है एफआईआर
- मनरेगा लोकपाल पर भी लगे भ्रष्टाचार छिपाने के आरोप
- डीसी शशि रंजन ने मामले को गंभीर मानते हुए कार्रवाई की दी चेतावनी
मनरेगा में मुर्दों की मजदूरी, फर्जीवाड़े की इंतहा
पलामू जिले के मनातू प्रखंड अंतर्गत नौडीहा पंचायत में मनरेगा योजना के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया है, जहां दो साल पहले मृत हो चुकी महिला सोहबतिया देवी के नाम पर लगातार मजदूरी दिखाकर सरकारी राशि की निकासी की गई है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में खुलासा हुआ कि तिलो गांव की मृत महिला सोहबतिया देवी, जिनकी मृत्यु करीब दो वर्ष पूर्व हो चुकी है, उन्हें जॉब कार्ड संख्या 009/199 के आधार पर जिंदा दिखाया गया और उनसे मनरेगा योजना में काम कराए जाने का दावा किया गया।
इस फर्जीवाड़े की परतें तब खुलीं जब पता चला कि ग्राम तिलो में राधेश्याम प्रसाद के सिंचाई कूप निर्माण में सोहबतिया देवी को मजदूर दिखाया गया और ₹2720 की मजदूरी उनके खाते में भुगतान की गई। यही नहीं, रामचंद्र उरांव के खेत में मेड़बंधी निर्माण में भी सोहबतिया देवी के नाम पर ₹1088 की निकासी की गई। ये सारा काम और भुगतान उनकी मृत्यु के दो साल बाद तक चलता रहा।
जब मौत भी मनरेगा के भ्रष्टाचार को नहीं रोक सकी
स्थानीय ग्रामीणों और विधायक प्रतिनिधि उदेश यादव ने इस घोटाले की शिकायत की और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि यह कोई आरोप मात्र नहीं है, बल्कि मनरेगा की अधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ों के आधार पर प्रमाणित मामला है।
इस घोटाले ने न केवल पंचायत व्यवस्था बल्कि मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा मजदूरी असली मजदूरों को नहीं, बल्कि फर्जी या मृत लोगों के खातों में भुगतान किया जा रहा है। जो व्यक्ति काम कर रहे हैं, उनके बदले दूसरों को मजदूरी का लाभ दिया जा रहा है।
भ्रष्टाचार के मुख्य आरोपी: रोजगार सेवक संजय गुप्ता
इस पूरे घोटाले के पीछे रोजगार सेवक संजय कुमार गुप्ता की भूमिका प्रमुख मानी जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि वह न सिर्फ योजनाओं को फर्जी तरीके से पास करवा रहे हैं बल्कि लोगों से काम के बदले मोटी रकम वसूल रहे हैं। आरोप है कि संजय गुप्ता ने योजना स्वीकृत कराने के नाम पर लाभुकों से पैसे लिए और धरातल पर योजनाएं दिखाई तक नहीं दीं।
कुछ मामलों में योजना अस्तित्व में ही नहीं है, लेकिन कागजों में पूर्ण दिखाकर राशि की निकासी की गई है। ग्रामीणों का दावा है कि यदि नौडीहा पंचायत में मनरेगा योजना की उच्च स्तरीय जांच हो, तो करोड़ों रुपये का घोटाला उजागर हो सकता है।
“रोजगार सेवक मामलों को दबाने के लिए फर्जी एफआईआर की भी साजिश करता है, ताकि असली शिकायत को नजरअंदाज किया जा सके।”
— स्थानीय ग्रामीण
पहले भी हो चुका है उजागर, लेकिन कार्रवाई नदारद
यह पहला मौका नहीं है जब मनातू के नौडीहा पंचायत में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार उजागर हुआ हो। इससे पहले भी मनरेगा लोकपाल शंकर कुमार ने पंचायत का निरीक्षण किया और भ्रष्टाचार की पुष्टि की थी, लेकिन अब तक दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
स्थानीय लोगों ने लोकपाल पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं कि वह जांच के नाम पर आते हैं, लेकिन बाद में दोषियों से रिश्वत लेकर मामला दबा देते हैं। यही कारण है कि पंचायत में योजनाओं में लूट और बढ़ गई है।
“मनरेगा लोकपाल की निष्क्रियता ने भ्रष्टाचारियों के हौसले और बढ़ा दिए हैं। जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है।”
— ग्रामीणों का आरोप
विभागीय कार्रवाई से डरते हैं अफसर, आरोपी की पहुंच बहुत दूर
ग्रामीणों का कहना है कि संजय गुप्ता की राजनीतिक पहुंच बहुत दूर तक है, यही वजह है कि उस पर अब तक कोई ठोस विभागीय कार्रवाई नहीं हो पाई है। विधायक प्रतिनिधि उदेश यादव ने बताया कि मनरेगा में भ्रष्टाचार के आरोप में संजय गुप्ता पर पहले भी एफआईआर दर्ज हो चुकी है, लेकिन कार्रवाई के अभाव में उसका मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि संजय गुप्ता पंचायत कार्यालय में उपस्थित नहीं रहते, बल्कि अपने घर से ही सारा काम करते हैं। लोगों से काम के बदले पैसे वसूलते हैं, और पैसे देने के बाद भी उन्हें काम नहीं मिलता। बागवानी योजना में भी ऑनलाइन घूस लेने का मामला सामने आया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
रोजगार सेवक से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
मामला बेहद गंभीर, होगी कार्रवाई: डीसी
पलामू के उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है कि किसी मृत व्यक्ति के नाम पर मनरेगा मजदूरी दिखाकर भुगतान किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले की जांच कराई जाएगी और जांच में सत्यता पाए जाने पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
“किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
— शशि रंजन, उपायुक्त पलामू
न्यूज़ देखो: सच्चाई का साथ, बदलाव की शुरुआत
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