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मनिका ट्रैक्टर हादसे में युवक की मौत—एनजीटी के बाद भी जारी बालू उठाव पर सवाल

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#लातेहार #ट्रैक्टर_दुर्घटना : बालू लोडिंग के दौरान हादसा—सफेंद्र परहिया की घटनास्थल पर मौत
  • मनिका थाना क्षेत्र के उचवाबाल गांव में ट्रैक्टर दुर्घटना में 29 वर्षीय सफेंद्र परहिया की मौत हुई।
  • हादसा गुरुवार सुबह 4 बजे बालू लोड करने जाते वक्त हुआ।
  • ट्रैक्टर से फ़ज़हत परहिया के घर की दीवार टकराने के बाद सफेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई।
  • ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एनजीटी प्रतिबंध के बावजूद रात में औरंगा नदी से बालू उठाव हो रहा है।
  • मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लातेहार भेजा गया।

सुबह-सुबह हुई दर्दनाक घटना

मनिका थाना क्षेत्र के रांकिकला पंचायत अंतर्गत उचवाबाल गांव गुरुवार की सुबह उस समय दहशत में आ गया जब एक ट्रैक्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सफेंद्र परहिया (उम्र 29 वर्ष) ट्रैक्टर से बालू लोड करने औरंगा नदी जा रहे थे। इस दौरान ट्रैक्टर फ़ज़हत परहिया के घर की दीवार से टकरा गया। टक्कर की आवाज सुनकर लोग बाहर निकले तो देखा कि सफेंद्र ट्रैक्टर से गिरकर जमीन पर पड़े थे।

घटनास्थल पर ही चली गई जान

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि फ़ज़हत परहिया ने घायल सफेंद्र को पानी पिलाने की कोशिश की, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। यह घटना इतनी अचानक हुई कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

पुलिस की कार्रवाई

सूचना पाकर मनिका थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लातेहार भेज दिया। मामले की जांच की जा रही है।

एसआई सुभाष चंद्र साहू ने कहा: “प्रथम दृष्टया यह साफ है कि सफेंद्र परहिया की मौत ट्रैक्टर हादसे से हुई है। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट कारण बताया जा सकेगा।”

ट्रैक्टर और मालिक की पहचान

दुर्घटनाग्रस्त ट्रैक्टर संजय शुक्ला का बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस वाहन और मालिक के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है।

एनजीटी आदेश के बाद भी जारी बालू उठाव

ग्रामीणों ने इस घटना के लिए प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) द्वारा बालू उठाव पर सख्त आदेश होने के बावजूद रात में बेखौफ़ तरीके से औरंगा नदी से बालू उठाया जाता है। ग्रामीणों का मानना है कि यदि इस पर रोक लगाई जाती, तो यह दर्दनाक हादसा टल सकता था।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

सफेंद्र परहिया की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। एक युवा की इस तरह अचानक मौत से गांव का माहौल गमगीन हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को इस घटना से सबक लेना चाहिए और बालू उठाव पर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।

न्यूज़ देखो: अवैध बालू उठाव से बिगड़ता हाल

मनिका की यह घटना प्रशासन के सामने गंभीर सवाल खड़े करती है। एनजीटी आदेश के बाद भी यदि अवैध बालू खनन और ट्रैक्टर परिचालन जारी है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है? न्यूज़ देखो मानता है कि यह मामला सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि अवैध गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की पुकार है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग नागरिक बनें, प्रशासन को जिम्मेदार ठहराएं

हम सबकी जिम्मेदारी है कि अपने आसपास हो रही अवैध गतिविधियों और लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाएं। सफेंद्र परहिया की मौत एक चेतावनी है कि लापरवाही की कीमत आम लोगों की जान से चुकाई जाती है। आइए, इस खबर पर अपनी राय दें, इसे अधिक से अधिक साझा करें और प्रशासन को एनजीटी आदेश लागू कराने के लिए मजबूर करें

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