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- मणिपुर में सीआरपीएफ कैंप के भीतर हुए फायरिंग में शहीद हुए जवान रवि रंजन का शव उनके पैतृक गांव पूर्वी सिसवा, पहाड़पुर प्रखंड पहुंचा।
- गांव में शव पहुंचते ही मातम का माहौल, परिवार का रो-रोकर बुरा हाल।
- अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों और आसपास के क्षेत्रों से भारी भीड़ उमड़ी।
- राजनीतिक नेताओं ने शहीद के परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
- मणिपुर सीआरपीएफ कैंप की घटना में दो जवान शहीद और आठ जवान घायल हुए थे।
पार्थिव शरीर पहुंचते ही गांव में छाया मातम
गुरुवार, 13 फरवरी की रात मणिपुर के सीआरपीएफ कैंप में हुए अंधाधुंध फायरिंग की घटना में शहीद हुए जवान रवि रंजन का शव शनिवार को उनके पैतृक गांव, पूर्वी सिसवा, पहाड़पुर प्रखंड पहुंचा। जैसे ही शव गांव पहुंचा, पूरे गांव में मातम पसर गया और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से भी लोग पहुंचे, जिनकी आंखें नम थीं और माहौल गमगीन बना हुआ था।
राजनीतिक नेताओं ने जताई संवेदना
शहीद रवि रंजन के घर परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे कांग्रेस जिलाध्यक्ष ई० शशि भूषण राय उर्फ गप्पू राय ने उनके पिता राजाराम प्रसाद को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ परिवार, बल्कि पूरे जिले के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी परिजनों से फोन पर बात कर गहरी संवेदना व्यक्त की और हर संभव मदद का भरोसा दिया।
गांव में गम और गर्व का मिश्रित भाव
ग्रामीणों का कहना है कि रवि रंजन बचपन से ही बहादुर थे और देश की सेवा का सपना देखते थे। उनकी शहादत पूरे गांव के लिए गर्व की बात है, लेकिन उनकी इस तरह अकस्मात मृत्यु से हर कोई स्तब्ध है। मणिपुर में सीआरपीएफ कैंप के भीतर हुई इस फायरिंग में दो जवान शहीद हो गए थे और आठ जवान घायल हुए थे। इस घटना से सीआरपीएफ सहित पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
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