
#राजनीति_झारखंड #भाजपा_विरोध #अल्पसंख्यक_मंत्री — राजभवन में राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन
- भाजपा ने मंत्री हफीजूल हसन की बर्खास्तगी को लेकर उठाई आवाज
- नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में राजभवन पहुंचे भाजपा नेता
- राज्यपाल को सौंपा गया मंत्री के खिलाफ ज्ञापन
- भाजपा ने मंत्री पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का लगाया आरोप
- प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री, सांसद और विधायक रहे शामिल
बर्खास्तगी की मांग को लेकर भाजपा का आंदोलन तेज
झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजूल हसन की बर्खास्तगी को लेकर भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान मंत्री के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपकर उन्हें तत्काल सरकार से हटाने की मांग की गई।
राजभवन पहुंचा भाजपा प्रतिनिधिमंडल
इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे:
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, सांसद संजय सेठ, दीपक प्रकाश, आदित्य साहू, विधायक नवीन जायसवाल, और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. रविंद्र कुमार राय सहित कई वरिष्ठ नेता। सभी ने एकमत होकर मंत्री हसन के बयानों और गतिविधियों को सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बताया।
“राज्य के मंत्री का आचरण और भाषा समाज को बांटने वाली है, ऐसे व्यक्ति को मंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”
— बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष
भाजपा ने लगाए गंभीर आरोप
भाजपा नेताओं ने मंत्री हसन पर साम्प्रदायिक भावना भड़काने, अभद्र बयानबाज़ी करने, और जनता को गुमराह करने जैसे गंभीर आरोप लगाए। पार्टी का कहना है कि राज्य सरकार को तुरंत नैतिकता के आधार पर मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए।
“हमने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वे राज्य की गरिमा और सामाजिक समरसता की रक्षा हेतु हस्तक्षेप करें।”
— अन्नपूर्णा देवी, केंद्रीय मंत्री
राजनीतिक हलकों में हलचल
मंत्री हसन को लेकर जारी विवाद ने राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ा दी है। विपक्ष जहां उन्हें हटाने की मांग पर अड़ा है, वहीं सत्तापक्ष की तरफ से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।
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