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मंत्री हफीजुल हसन के बयान पर गरमाया झारखंड : गढ़वा में भाजपा का संविधान बचाओ मार्च, बर्खास्तगी की मांग

#गढ़वा #संविधान_विरोध — शरीयत को संविधान से ऊपर बताने वाले मंत्री के खिलाफ भाजपाइयों का आक्रोश, राज्यपाल के नाम सौंपा मांग पत्र

गढ़वा की सड़कों पर गूंजे संविधान समर्थक नारों के स्वर

गढ़वा के चिनियां रोड नहर चौक से समाहरणालय तक भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में आक्रोश मार्च निकाला। सभी कार्यकर्ता पार्टी के झंडे और हाथों में तख्तियां लिए हुए थे। मार्च के दौरान पूरे मार्ग में “संविधान विरोधी मंत्री हफीजुल हसन को बर्खास्त करो”, “हेमंत सरकार हाय हाय”, और “बाबा साहेब का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” जैसे नारे गूंजते रहे।

मंत्री हफीजुल हसन के बयान से मचा बवाल

विगत दिनों मंत्री हफीजुल हसन ने एक बयान में कहा था कि “मेरे लिए शरीयत पहले है, बाद में संविधान।” इस बयान के बाद पूरे झारखंड में भाजपा कार्यकर्ताओं का आक्रोश भड़क उठा है।

भाजपा का कहना है कि यह बयान संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर के प्रति घोर अपमानजनक है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

जिला प्रमुखों का तीखा हमला: “शरीयत से नहीं, संविधान से चलेगा भारत”

भाजपा जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद महतो ने कहा:

“भारत रत्न बाबा भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान देश को दिया है, उसे झामुमो सरकार के मंत्री खुलेआम ठुकरा रहे हैं। ऐसे मंत्री को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।”

भाजपा जिला महामंत्री संतोष दुबे ने कहा:

“झामुमो के मंत्री शरीयत लागू करना चाहते हैं, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

भाजपा नेता मुरारी यादव ने मंत्री के बयान को देशद्रोही मानसिकता करार देते हुए कहा:

“ऐसे मंत्री के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों से जांच होनी चाहिए।”

पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद तिवारी ने आरोप लगाया:

“झामुमो-कांग्रेस महागठबंधन शरीयत लागू करने की साजिश रच रहा है, लेकिन भाजपा संविधान की रक्षा के लिए सड़क से सदन तक लड़ेगी।”

राज्यपाल के नाम सौंपा गया ज्ञापन

आक्रोश मार्च के उपरांत भाजपा कार्यकर्ताओं ने गढ़वा उपायुक्त को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें मंत्री हफीजुल हसन को संविधान विरोधी बयान के लिए बर्खास्त करने की मांग की गई।

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