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हाइलाइट्स:
- मरांग बुरू बाहा पर्व 2025 के दूसरे दिन मंत्री सुदिव्य कुमार पहुंचे।
- राज्य सरकार ने पहली बार इस पर्व के लिए 12.33 लाख रुपये का बजट आवंटित किया।
- पर्व को राजकीय महोत्सव घोषित करने की प्रक्रिया जारी।
- उपायुक्त ने पर्व को राज्य स्तर पर ख्याति दिलाने पर जोर दिया।
- भविष्य में और अधिक वित्तीय एवं प्रशासनिक सहायता देने का आश्वासन।
मंत्री व उपायुक्त ने लिया आयोजन स्थल का जायजा
गिरिडीह: झारखंड सरकार के नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार और उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा रविवार को पीरटांड प्रखंड के पारसनाथ पहाड़ स्थित दिशोम मांझीथान पहुंचे। वे चार दिवसीय मरांग बुरू बाहा पर्व 2025 के दूसरे दिन कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहे और पूरे आयोजन की समीक्षा की।
पहली बार राज्य सरकार ने दिया वित्तीय सहयोग
इस पर्व को राजकीय महोत्सव घोषित करने के लिए जिला पर्यटन संवर्धन परिषद ने प्रस्ताव भेजा है, जिस पर कार्रवाई जारी है। इस साल पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग की ओर से 12.33 लाख रुपये की राजकीय सहायता दी गई। मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि धार्मिक आस्था को पूरा करने और पर्व को भव्य रूप देने के लिए सरकार आगे भी वित्तीय और प्रशासनिक सहायता देगी।
सरकारी स्तर पर बढ़ रहा आयोजन का महत्व
मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि मरांग बुरू बाहा पर्व को और अधिक पहचान दिलाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उन्होंने धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थानीय परंपरा के अनुरूप भव्यता से आयोजित करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने पर्व को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की बात कही
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि इस पर्व को और भव्य बनाने और इसे राज्य स्तर पर ख्याति दिलाने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पर्व समाप्त होने के बाद समीक्षा कर भविष्य में इसे और बड़े स्तर पर आयोजित करने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति और श्रद्धालुओं की भीड़
इस आयोजन में अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी डुमरी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी डुमरी, प्रखंड विकास पदाधिकारी पीरटांड, अंचल अधिकारी पीरटांड, मरांग बुरू संस्थान के सभी पदाधिकारी और बड़ी संख्या में संथाल समुदाय के श्रद्धालु उपस्थित रहे।
‘न्यूज़ देखो’ की नजर हर खबर पर
मरांग बुरू बाहा पर्व को राजकीय महोत्सव बनाने की पहल से झारखंड की सांस्कृतिक पहचान को मजबूती मिलेगी। इस तरह के पारंपरिक त्योहारों को संरक्षण देने से राज्य की सांस्कृतिक विरासत आगे बढ़ेगी। ‘न्यूज़ देखो’ इस पर्व से जुड़ी हर अपडेट आप तक पहुंचाता रहेगा।