
#पलामू #शहादत : नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हुए दो जवानों को संत मरियम विद्यालय परिवार ने दी श्रद्धांजलि और अविनाश देव ने युवाओं से मुख्यधारा में आने की अपील की
- टीएसपीसी नक्सलियों से मुठभेड़ में सिपाही संतन मेहता और सिपाही सुनील राम शहीद हुए।
- संत मरियम विद्यालय परिवार ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।
- विद्यालय के चेयरमैन अविनाश देव ने कहा – “बेटे के शौर्य की सुगंध है शहादत।”
- उन्होंने युवाओं से संविधान की ताकत से संघर्ष करने और मुख्यधारा में आने का आह्वान किया।
- आतंकवाद और उग्रवाद को देश और परिवार दोनों के लिए घातक बताया।
पलामू जिला इन दिनों शोक में डूबा है। तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में हैदरनगर प्रखंड के वीर सपूत सिपाही संतन मेहता (ग्राम बरेवा) और सिपाही सुनील राम (ग्राम परता) वीरगति को प्राप्त हो गए। उनकी शहादत ने जहां पूरे क्षेत्र को गमगीन किया है, वहीं गर्व की अनुभूति भी कराई है।
विद्यालय परिवार का श्रद्धांजलि कार्यक्रम
संत मरियम विद्यालय में चेयरमैन अविनाश देव की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। विद्यालय परिवार ने दो मिनट का मौन रखकर शहीद जवानों को नमन किया। इस अवसर पर शिक्षकों और बच्चों ने देशभक्ति गीत गाकर शहीदों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
अविनाश देव का भावुक संबोधन
चेयरमैन अविनाश देव ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बेटे के शौर्य की सुगंध है शहादत, जिससे माता का आंचल दमकता है। उन्होंने यह भी कहा कि विचारों की टकराहट में मौत की नींद सोना केवल समाज और राष्ट्र के लिए बड़ी क्षति है।
अविनाश देव ने कहा: “आजादी के बाद हथियार की कोई जगह नहीं रह गई है। बाबा साहब अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान की ताकत से ही सड़क और संसद का रास्ता खुलता है।”
उन्होंने कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद, अलगाववाद और अराजकतावाद देश को कमजोर करते हैं और परिवारों को आजीवन पीड़ा देते हैं।
युवाओं और नागरिकों से आह्वान
अविनाश देव ने युवाओं से अपील की कि वे मुख्यधारा में आकर संविधान की ताकत के साथ संघर्ष करें। तभी विकास की धारा बहेगी और राष्ट्र मजबूत होगा। उन्होंने प्रबुद्ध नागरिकों को भी समाज को सही दिशा देने की जिम्मेदारी उठाने की बात कही।
न्यूज़ देखो: शहादत से सीख और समाज के लिए संदेश
यह घटना हमें याद दिलाती है कि जवानों की शहादत केवल बलिदान नहीं बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए चेतावनी भी है। हथियार की बजाय विचार और संविधान की ताकत से ही देश आगे बढ़ सकता है। हमें शहीदों के सपनों का भारत बनाने की दिशा में एकजुट होना होगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शहादत को सलाम और एकता का संकल्प
शहीद सपूतों के बलिदान को हमें नमन करना चाहिए और यह संकल्प लेना चाहिए कि हम हिंसा से दूर रहकर संविधान और लोकतंत्र की राह पर चलेंगे।
अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि शहीदों की याद और उनका संदेश हर दिल तक पहुंचे।