
#पलामू #संविधानदिवस : समाहरणालय परिसर में पदाधिकारियों और कर्मियों ने संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन कर लिया एकता और अखंडता बनाए रखने का संकल्प
- मेदिनीनगर, पलामू में संविधान दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित।
- उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी समीरा एस ने संविधान सभा के योगदान का स्मरण कराया।
- कार्यक्रम में संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन किया गया।
- पदाधिकारियों और कर्मियों ने न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता के मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लिया।
- संविधान निर्माण में पलामू के यदुवंश सहाय ‘यदु बाबू’ और अमिय कुमार घोष ‘गोपा बाबू’ के योगदान को किया गया याद।
पलामू जिले के समाहरणालय परिसर में 26 नवंबर 2025 को संविधान दिवस बड़े सम्मान और गरिमा के साथ मनाया गया, जिसमें जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों, विभिन्न विभागों के कर्मियों और पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से भाग लिया। समारोह की शुरुआत भारतीय संविधान के इतिहास और उसकी मूल भावना को याद करते हुए हुई, जिसके बाद उपस्थित सभी ने संविधान की उद्देशिका का वाचन किया। इस मौके पर उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी समीरा एस ने संविधान निर्माण की प्रक्रिया, पलामू के योगदान और नागरिक कर्तव्यों के महत्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का उद्देश्य संविधान के आदर्शों को पुनः स्मरण कराना और नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों को और मजबूत बनाना था।
संविधान दिवस का ऐतिहासिक महत्व
भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया था और इसी कारण यह दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उपायुक्त समीरा एस ने अपने संबोधन में बताया कि संविधान को 26 जनवरी 1950 से प्रभावी किया गया जो भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि यह दिन केवल औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना को सुदृढ़ करने का अवसर है।
पलामू के गौरवशाली योगदान का स्मरण
कार्यक्रम में जिले के दो सपूतों — यदुवंश सहाय ‘यदु बाबू’ और अमिय कुमार घोष ‘गोपा बाबू’ — के योगदान को विशेष सम्मान के साथ याद किया गया। दोनों संविधान सभा के सदस्य रहे और संविधान निर्माण प्रक्रिया में उनकी भूमिका को आज भी गर्व के साथ याद किया जाता है। उपायुक्त ने कहा कि यह पलामू के लिए गौरव का विषय है कि इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय दायित्व में जिले के दो व्यक्तियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
सामूहिक वाचन और संकल्प
कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन रहा, जिसमें उपस्थित सभी पदाधिकारियों व कर्मियों ने एक स्वर में भारत को संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने का संकल्प दोहराया।
उपस्थित लोगों ने यह भी दृढ़ता व्यक्त की कि वे देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता की भावना को आगे बढ़ाते रहेंगे।
उपायुक्त समीरा एस ने कहा: “संविधान दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि मूल्यों, कर्तव्यों और राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का पुनः स्मरण है।”
संवैधानिक जागरूकता के विस्तार की पहल
समाहरणालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल अधिकारियों तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके माध्यम से नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश पूरे जिले में प्रसारित हुआ। कार्यक्रम में शामिल पदाधिकारियों ने यह भी साझा किया कि प्रत्येक विभाग को अपने-अपने स्तर पर संविधान के सिद्धांतों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए ताकि प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और समानता बनी रहे।
न्यूज़ देखो: संवैधानिक चेतना को मजबूत करने का प्रयास
यह आयोजन इस बात को स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पलामू जिला प्रशासन संवैधानिक आदर्शों को जमीन पर उतारने के प्रति गंभीर और सक्रिय है। उपायुक्त की सहभागिता और अधिकारियों की एकजुट उपस्थिति साबित करती है कि प्रशासनिक तंत्र न केवल कानून लागू करता है बल्कि संविधान की नींव रखने वाले मूल्यों को भी सम्मान देता है। इस तरह के कार्यक्रम नागरिकों और प्रशासन के बीच भरोसा मजबूत करते हैं और संवैधानिक शिक्षा को जमीनी स्तर पर फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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संविधान हमें जोड़ता है, आगे बढ़ने की राह दिखाता है
संविधान दिवस हमें यह याद दिलाता है कि देश तभी मजबूत बनता है जब उसके नागरिक अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी समझते हैं। आज जब हम उद्देश्यिका का वाचन करते हैं, तो यह केवल शब्दों का उच्चारण नहीं बल्कि राष्ट्र के प्रति एक गहरा वादा होता है। आइए हम सभी समानता, न्याय और स्वतंत्रता के मूल्यों को अपने दैनिक जीवन में उतारने का संकल्प लें।
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