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ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानने मोटरसाइकिल से पहुंचे चिकित्सा पदाधिकारी

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#बानो #स्वास्थ्यनिरीक्षण : चिकित्सा पदाधिकारी ने सुदूर गांवों में आयुष्मान केंद्रों की व्यवस्था परखी और ग्रामीणों को जागरूक किया
  • बानो प्रखंड के केवेटांग, बिंतुका, जामुड़सोया, निमतुर, नवागांव, पांगुर, कनारावां सहित कई गांवों का निरीक्षण।
  • डॉ. मनोरंजन कुमार ने आयुष्मान आरोग्य केंद्रों की उपस्थिति, ओपीडी रजिस्टर और सेवाओं की गुणवत्ता की समीक्षा की।
  • मरीजों की जांच कर सीएचओ व स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर उपस्थित रहने का निर्देश।
  • गांवों में कुष्ठ रोग और मलेरिया की स्थिति का जायजा लिया।
  • ग्रामीणों को कहा—लंबा बुखार हो तो तुरंत नजदीकी केंद्र में जांच करवाएं।
  • सांप काटने पर ओझा-गुनी से दूर रहने और सीधे अस्पताल पहुंचने की चेतावनी दी।

बानो प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति को समझने के लिए प्रखंड स्वास्थ्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मनोरंजन कुमार ने मंगलवार को मोटरसाइकिल से कई गांवों का दौरा किया। उन्होंने केवेटांग, बिंतुका, जामुड़सोया, निमतुर, नवागांव, पांगुर और कनारावां समेत कई ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर आयुष्मान आरोग्य केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति, ओपीडी रजिस्टर और उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तृत मूल्यांकन किया। उन्होंने मौके पर मरीजों की जांच भी की और स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित समय पर उपस्थित रहकर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देने के निर्देश दिए। ग्रामीणों से बातचीत के दौरान उन्होंने कुष्ठ रोग और मलेरिया की स्थिति की जानकारी ली और लोगों से स्वास्थ्य संबंधी किसी भी लक्षण पर तुरंत केंद्र पहुंचने की अपील की।

सुदूर गांवों तक पहुंचने के लिए चिकित्सा पदाधिकारी ने अपनाई जमीनी पहल

डॉ. कुमार ने जिन गांवों का दौरा किया, वे कई बार स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रह जाते हैं, क्योंकि यहां पहुंचना आसान नहीं होता। उन्होंने मोटरसाइकिल के माध्यम से दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचकर स्वास्थ्य प्रणाली की वास्तविक स्थिति का आकलन किया। आयुष्मान आरोग्य केंद्रों में उन्होंने कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि स्वास्थ्य सेवा सभी के लिए सुलभ व प्रभावी हो। निरीक्षण के दौरान केंद्रों में उपलब्ध दवाओं, उपकरणों और मरीजों के रजिस्टरों की बारीकी से समीक्षा की गई।

कुष्ठ और मलेरिया जैसे संवेदनशील मामलों पर विशेष नजर

कई गांवों में जाते हुए डॉ. कुमार ने ग्रामीणों से सीधे बातचीत की और कुष्ठ रोग तथा मलेरिया के मामलों की वास्तविक स्थिति जानने का प्रयास किया। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि कुष्ठ रोग की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है और बानो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इसका संपूर्ण उपचार उपलब्ध है। उन्होंने यह भी समझाया कि यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय से बुखार है, तो वह इसे हल्के में न ले और तुरंत जांच करवाए, क्योंकि मलेरिया जैसी बीमारियां समय पर इलाज के बिना गंभीर रूप ले सकती हैं।

ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से सीधी बातचीत

डॉ. कुमार ने ग्रामीणों को बीमारियों के प्रति संवेदनशील रहने और समय पर चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में सभी आवश्यक दवाएं और जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं, इसलिए किसी भी स्वास्थ्य समस्या के समय विलंब न करें। उन्होंने विशेष रूप से चेतावनी दी कि सांप काटने की स्थिति में ओझा-गुनी के पास जाने से मरीज की जान खतरे में पड़ सकती है।

डॉ. मनोरंजन कुमार ने कहा: “सांप काटने पर तुरंत अस्पताल आएं, यहां एंटी-वेनम उपलब्ध है और समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है।”

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

डॉ. कुमार का यह दौरा ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने और वास्तविक समस्याओं को सीधे समझने का एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। उनकी पहल से स्वास्थ्यकर्मियों की जवाबदेही बढ़ेगी और ग्रामीण इलाकों में नियमित चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित होंगी। लोगों ने भी इस दौरे को सराहा और कहा कि ऐसे निरीक्षण से व्यवस्था में सुधार आता है।

न्यूज़ देखो: जमीनी निरीक्षण से ही बदलेंगी स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीर

इस दौरे से स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार तब ही संभव है, जब अधिकारी स्वयं जमीन पर उतरकर वास्तविक स्थिति का आकलन करें। बानो प्रखंड में डॉ. कुमार का निरीक्षण स्वास्थ्य प्रणाली को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने की दिशा में सराहनीय कदम है। यह पहल ग्रामीणों को भरोसा भी दिलाती है कि प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से समझ रहा है और समाधान की दिशा में प्रयासरत है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जनस्वास्थ्य की ओर बढ़ता कदम

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा तभी मजबूत होगी जब जागरूकता और जवाबदेही दोनों साथ-साथ चलें। डॉ. कुमार का यह प्रयास न केवल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए संदेश है, बल्कि ग्रामीणों को भी प्रेरित करता है कि बीमारी की स्थिति में समय पर अस्पताल पहुंचें।
अब समय है कि हम सभी स्वास्थ्य चेतना को प्राथमिकता दें, अपनी और समुदाय की सुरक्षा के लिए जागरूक रहें, और जरूरत पड़ने पर प्रशासन को भी सहयोग करें।
अपनी राय कमेंट में लिखें और इस खबर को शेयर करें, ताकि स्वास्थ्य जागरूकता हर गांव तक पहुंच सके।

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Shivnandan Baraik

बानो, सिमडेगा

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