- हृदय रोग, स्नायु रोग और ऑन्कोलॉजी में सुपर स्पेशलिटी सेवाएं प्रारंभ की जाएंगी।
- 500 बेड के अस्पताल में 200 बेड सुपर स्पेशलिटी और 300 बेड सामान्य मरीजों के लिए होंगे।
- निर्माण कार्य धीमा, अगस्त 2025 तक पूर्ण नहीं होने पर पेनाल्टी लगाई जाएगी।
- सदर अस्पताल परिसर में रिनोवेशन और नई बिल्डिंग निर्माण के निर्देश।
मेदिनीनगर: झारखंड राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने घोषणा की कि मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमआरएमसीएच) में हृदय रोग, स्नायु रोग, और ऑन्कोलॉजी (कैंसर विज्ञान) में सुपर स्पेशलिटी सेवाएं इसी साल शुरू की जाएंगी। ये सेवाएं पोखराहा मोहल्ले में निर्माणाधीन 500 बेड के अस्पताल में उपलब्ध होंगी।
प्रधान सचिव ने निरीक्षण के दौरान बताया कि वर्तमान अस्पताल भवन में सुपर स्पेशलिटी सेवा के लिए आवश्यक जगह उपलब्ध नहीं है। निर्माण कार्य की धीमी गति पर चिंता जताते हुए उन्होंने निर्माण कंपनी को अगस्त 2025 तक काम पूरा करने का निर्देश दिया। यदि तय समय तक कार्य पूरा नहीं होता है, तो सितंबर 2025 से दो प्रतिशत प्रतिमाह की दर से पेनाल्टी लागू की जाएगी।
“सरकार की मंशा है कि मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में सुपर स्पेशलिटी सेवाएं शुरू की जाएं, ताकि मरीजों को रेफर किए जाने की दर में कमी आए,” प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह।
प्रधान सचिव ने सदर अस्पताल परिसर के रिनोवेशन, जर्जर भवनों को ध्वस्त करने और नई बिल्डिंग निर्माण के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही सुरक्षित बाउंड्रीवॉल बनाने का आदेश दिया गया।
उन्होंने यह भी बताया कि रांची के सदर अस्पताल में प्राइवेट चिकित्सकों की ओपीडी और सर्जरी सेवाएं सफल रही हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत चिकित्सकों को 25% का क्लेम और ओपीडी सेवाओं के लिए 300-400 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। ऐसी व्यवस्था मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज में भी लागू की जाएगी।
प्रधान सचिव ने अस्पताल प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने के लिए जल्द ही तीन-तीन अस्पताल प्रबंधकों की नियुक्ति की बात कही, जिससे आठ-आठ घंटे की ड्यूटी सुनिश्चित हो सके।
निरीक्षण के दौरान पलामू के प्रमंडलीय आयुक्त बाल किशुन मुंडा, उपायुक्त शशि रंजन, सिविल सर्जन डॉ. अनील कुमार, और अस्पताल अधीक्षक डॉ. धर्मेंद्र कुमार मौजूद थे।
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