राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में आज मेदिनीनगर के सुदना गायत्री मंदिर मैदान से एक आक्रोश मार्च का आयोजन किया गया। इस मार्च का उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध समुदायों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना था। मार्च में शामिल होकर अलोक चौरसिया ने कहा कि यह लड़ाई इन समुदायों के सम्मान, अस्तित्व और न्याय के लिए है।
मार्च में “हिंदू नाबालिग लड़कियों का जबरन धर्मांतरण बंद करो” जैसे नारों के साथ प्रदर्शन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, सामाजिक संगठनों के सदस्य, और विभिन्न धर्मों के अनुयायी शामिल हुए।
अलोक चौरसिया ने अपने वक्तव्य में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति हो रही हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की मांग की और कहा कि यह संघर्ष धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए है।
मार्च के समापन पर वक्ताओं ने न्याय और सुरक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया और जल्द से जल्द अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर ध्यान देने की अपील की।