Palamau

मेदिनीनगर बालिका गृह में यौन शोषण: संचालक और काउंसलर की गिरफ्तारी

Join News देखो WhatsApp Channel

पलामू: झारखंड के पलामू जिले के सुदना स्थित एक बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है। इस घटना ने न केवल पलामू बल्कि पूरे राज्य में बाल सुरक्षा तंत्र के प्रति गंभीर सवाल उठाए हैं। विकास इंटरनेशनल द्वारा संचालित इस बालिका गृह में 28 लड़कियां रह रही थीं। आरोप है कि इन लड़कियों में से दो ने 72 वर्षीय संचालक रामप्रताप गुप्ता और एक महिला काउंसलर पर यौन शोषण का आरोप लगाया।

घटना का खुलासा

यह मामला तब सामने आया जब शुक्रवार को मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की टीम बालिका गृह का दौरा कर रही थी। टीम की प्रमुख संध्या सिन्हा के मुताबिक, दो लड़कियों ने अपने साथ हुई यौन हिंसा के बारे में बताया।

  1. एक बच्ची ने आरोप लगाया कि दीपावली और छठ के दौरान, संचालक रामप्रताप गुप्ता ने उसे अपने घर बुलाया और वहां उसका यौन शोषण किया।
  2. दूसरी लड़की ने भी अपने साथ गलत व्यवहार की जानकारी दी, जिसमें आरोपित ने उसके साथ शारीरिक शोषण की कोशिश की थी।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

घटना के तुरंत बाद पलामू पुलिस और जिला प्रशासन की टीम बालिका गृह पहुंची और मामले की गहन जांच शुरू की।

  • गिरफ्तारी: संचालक रामप्रताप गुप्ता और महिला काउंसलर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
  • एफआईआर दर्ज: पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है।
  • बच्चियों की सुरक्षा: सभी बच्चियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है, और उन्हें सखी वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है।
  • बालिका गृह सील: प्रशासन ने बालिका गृह को सील कर दिया है और वहां रहने वाली बच्चियों को दूसरे सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया है।

जांच में और क्या खुलासा हुआ?

पुलिस और प्रशासन के मुताबिक, जांच में यह सामने आया कि आरोपी संचालक और काउंसलर ने बच्चियों पर यौन शोषण के बाद चुप रहने का दबाव डाला था। महिला काउंसलर ने कथित तौर पर बच्चियों की तस्वीरें भेजी थीं, जो एक अज्ञात व्यक्ति को भेजी गईं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि संचालक ने इन लड़कियों को अपने घर बुलाकर गलत काम किया था।

पुलिस और प्रशासन का बयान

पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने कहा, “यह मामला बेहद गंभीर है और हम हर हाल में दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए तत्पर हैं। मामले की उच्चस्तरीय जांच जारी है, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।”

बाल सुरक्षा पर गंभीर सवाल

यह घटना बालिका गृहों के संचालन में सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमियों को उजागर करती है। ऐसे मामलों में प्रशासन की ओर से त्वरित और सख्त कार्रवाई जरूरी है ताकि अन्य बच्चों को इस तरह के शोषण से बचाया जा सके।

बालिका गृहों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं गहराती जा रही हैं। यह घटना दर्शाती है कि बाल सुरक्षा के मामले में प्रशासन को और अधिक कठोर कदम उठाने होंगे। राज्य सरकार को ऐसे मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने होंगे।


इस घटना के बाद, झारखंड में बालिका गृहों के संचालन पर कड़ी निगरानी और समीक्षा की आवश्यकता महसूस हो रही है।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

1000264265
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250610-WA0011
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250604-WA0023 (1)
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

Back to top button
error: