हाइलाइट्स :
- मंदिर विकास समिति का आरोप – निजी ट्रस्ट बनाकर कब्जे की हो रही कोशिश।
- ग्रामीणों ने शिव ध्यान तिवारी और रुचिर तिवारी पर लगाया आरोप।
- मंदिर की जमीन और परिसंपत्तियों पर कब्जे को लेकर विवाद गहराया।
- ग्रामसभा में लिए गए फैसले के अनुसार ट्रस्ट निर्माण की हो रही प्रक्रिया।
गुप्त रूप से ट्रस्ट बनाकर मंदिर पर कब्जे की कोशिश?
मेदिनीनगर में ठाकुरबाड़ी मंदिर विकास समिति ने प्रेस वार्ता कर बड़ा खुलासा किया है।
समिति ने आरोप लगाया कि शिव ध्यान तिवारी और वामपंथी नेता रुचिर तिवारी मिलकर मंदिर का निजी ट्रस्ट बनाने की गुप्त योजना बना रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर पूरे गांव की संपत्ति है, किसी एक व्यक्ति का इस पर अधिकार नहीं हो सकता।
ग्रामीणों की नाराजगी, मंदिर विकास समिति ने जताया कड़ा विरोध
ग्रामीणों का आरोप है कि शिव ध्यान तिवारी और रुचिर तिवारी गलत मानसिकता से ट्रस्ट बना रहे हैं, जिससे गांव में फूट पड़ सकती है।
मंदिर विकास समिति के अनुसार, ग्रामसभा के फैसले के बिना ट्रस्ट बनाना असंवैधानिक है और ग्रामीणों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।
मंदिर की करोड़ों की संपत्ति पर कब्जे की आशंका
ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर के 1.39 डिसमिल (लगभग 1 एकड़ 39 डिसमिल) जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश की जा रही है।
जब भी मंदिर समिति अवैध कब्जा हटाने की पहल करती है, तब विवाद और मारपीट की घटनाएं होती हैं।
ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि वे अपने पूर्वजों की इस धार्मिक धरोहर की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से एकजुट हैं।
ग्रामसभा में होगा नए ट्रस्ट का गठन
मंदिर विकास समिति ने स्पष्ट किया कि ग्रामसभा के निर्णय के आधार पर ही मंदिर के लिए नया ट्रस्ट बनाया जाएगा।
समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि गांव के सभी लोगों की सहमति से ही मंदिर की संपत्तियों का प्रबंधन किया जाएगा।
मंदिर विकास समिति ने जताई एकजुटता
प्रेस वार्ता में मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष विजय तिवारी (अधिवक्ता), नवीन तिवारी, अमित तिवारी (अधिवक्ता) सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने अपनी एकजुटता दिखाई।
ग्रामीणों ने साफ किया कि मंदिर पर कब्जे की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
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