
#पलामू #महिला_सशक्तिकरण : महिला थाना शहर परिसर में विश्व मानवाधिकार दिवस पर महिलाओं व बच्चियों के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित।
- कार्यक्रम 10 दिसंबर 2025 को आयोजित।
- पुलिस अधीक्षक पलामू के निर्देश पर आयोजन।
- कई पुलिस अधिकारी, प्रोफेसर व शिक्षक शामिल।
- बच्चियों व महिलाओं को मौलिक अधिकारों की जानकारी।
- समस्याएँ सुनी गईं, समाधान के लिए निर्देश दिए गए।
विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर महिला थाना शहर परिसर में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएँ और बच्चियाँ शामिल हुईं। यह कार्यक्रम पुलिस अधीक्षक पलामू के निर्देश पर आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चियों को उनके मौलिक अधिकारों, सुरक्षा उपायों और उपलब्ध कानूनी सहायता के बारे में जागरूक करना था। कार्यक्रम में पुलिस पदाधिकारी, डीएलएसए से जुड़े पीएलवी, विमेंस कॉलेज की प्रोफेसर और आबादगंज कोचिंग संस्थान के शिक्षक भी उपस्थित रहे।
महिला व बच्चियों को मौलिक अधिकारों की जानकारी
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित प्रतिभागियों को भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों की जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई। पुलिस अधिकारियों और कानूनी स्वयंसेवकों ने बताया कि महिलाएँ अपने अधिकारों की रक्षा कैसे कर सकती हैं और किसी भी संवेदनशील या आपात स्थिति में पुलिस व विधिक सेवा प्राधिकरण से किस प्रकार सहायता प्राप्त कर सकती हैं।
छात्राओं और बच्चियों की समस्याएँ भी सुनी गईं
आबादगंज स्थित कोचिंग संस्थान में पढ़ने वाली बच्चियाँ, विमेंस कॉलेज की छात्राएँ और अन्य महिलाएँ इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों की समस्याओं को भी सुना गया। पुलिस अधिकारियों एवं उपस्थित पदाधिकारियों ने उनकी शिकायतों के समाधान हेतु आवश्यक निर्देश दिए और आश्वासन दिया कि महिलाओं से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
सामाजिक जागरूकता को बढ़ाने की पहल
कार्यक्रम ने प्रतिभागियों में कानूनी जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ आत्मविश्वास भी बढ़ाया। मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य पर किया गया यह आयोजन महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के प्रति समाज को जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
न्यूज़ देखो: महिलाओं की सुरक्षा के लिए जागरूकता अनिवार्य
ऐसे जागरूकता कार्यक्रम समाज में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनते हैं। महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनी उपायों की जानकारी मिलना उनकी सुरक्षा और सशक्तिकरण का आधार है। पुलिस प्रशासन द्वारा की गई यह पहल सराहनीय है और इसे नियमित रूप से आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
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अपनी आवाज़ उठाएँ, जागरूक बनें
महिलाओं की सुरक्षा केवल कानून का नहीं, समाज का भी दायित्व है। अपने अधिकारों को जानें, ज़रूरत पड़ने पर सहायता लेने में संकोच न करें।
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