#मेदिनीनगर #भागवतकथा_लहल्हे – सात दिवसीय कथा महोत्सव में उमड़ी श्रद्धा की बयार, भक्ति भाव में डूबा गांव
- लहल्हे गांव में श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ की भव्य शुरुआत
- कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी
- कथा वाचक: परमपूज्य श्री श्री 1008 मारुति किंकर जी महाराज
- 19 से 25 मई तक चलेगा श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन
- 26 मई को विशाल भंडारे का आयोजन, सभी श्रद्धालुओं को आमंत्रण
भक्ति रस से सराबोर हुआ लहल्हे गांव
मेदिनीनगर सदर प्रखंड के लहल्हे गांव में रविवार को सात दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ की शुरुआत गाजे-बाजे और कलश यात्रा के साथ की गई। कथा पुरोहित विनय पांडे और उनके सहयोगी पुरोहितों ने विधिविधान के साथ पूजा-अर्चना कर यज्ञ का शुभारंभ किया।
शिवाला मंदिर और मलय नदी तट तक पहुंची कलश यात्रा
यज्ञ स्थल से प्रारंभ हुई कलश यात्रा भक्तिमय नारों और जयकारों के साथ शिवाला मंदिर मलय नदी तट तक पहुंची। वहां आयोजक विवेकानंद त्रिपाठी ने सपत्नी पूजन कर कलश में पवित्र जल भरा। महिलाओं की भारी भागीदारी और उत्साह ने पूरे गांव को भक्तिमय वातावरण से भर दिया।
रविवार को हनुमंत पूजा व महावीरी झंडा स्थापना
इससे पूर्व रविवार संध्या को हनुमंत पूजा के साथ महावीरी झंडा की विधिवत स्थापना की गई। पूजा का संचालन विवेकानंद त्रिपाठी द्वारा किया गया।
“इस सात दिवसीय भागवत कथा में परमपूज्य श्री श्री 1008 मारुति किंकर जी महाराज के मुखारविंद से कथा श्रवण कराया जाएगा।”
— विवेकानंद त्रिपाठी, आयोजक
26 मई को विशाल भंडारा, सबको आमंत्रण
19 मई से 25 मई तक चलने वाली इस कथा महायात्रा का समापन 26 मई को विशाल भंडारे के साथ होगा। आयोजकों ने सभी श्रद्धालु भक्तों को सादर आमंत्रित किया है।
प्रमुख श्रद्धालु रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में महिमानंद तिवारी, सुरेश्वर तिवारी, अभिमन्यु तिवारी, संजय त्रिपाठी, अनूप तिवारी, मृत्युंजय तिवारी, अमित तिवारी, ब्रजेश तिवारी, दामोदर तिवारी, राजेंद्र चौधरी, विनोद तिवारी, जीतेंद्र चंद्रवंशी, अभिनाश तिवारी समेत काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
‘न्यूज़ देखो’ की भक्ति भावना से जुड़ी अपील
न्यूज़ देखो आप सभी श्रद्धालुओं से अपील करता है कि इस सात दिवसीय आध्यात्मिक आयोजन का हिस्सा बनें और 26 मई के विशाल भंडारे में सम्मिलित होकर धर्म लाभ अर्जित करें। ऐसे आयोजनों से गांव-समाज में आध्यात्मिक चेतना का संचार होता है, जो सकारात्मक ऊर्जा और संस्कृति की रक्षा में सहायक होता है।