Latehar

महुआडांड़ में सरना समिति और जनजाति संगठनों की बैठक: करम महोत्सव व बैगई जमीन संरक्षण पर हुआ विचार-विमर्श

Join News देखो WhatsApp Channel
#महुआडांड़ #जनजाति_सुरक्षा : सरना भवन में हुई सामूहिक बैठक, कई संगठनों के प्रतिनिधि रहे शामिल
  • सरना भवन महुआडांड़ में हुई सामूहिक बैठक
  • बैठक की अध्यक्षता ललकु खेरवार ने की।
  • मुख्य अतिथि थे हिन्दवा उरांव, प्रांतीय संयोजक, जनजाति सुरक्षा मंच।
  • विषय रहे करम महोत्सव की तैयारी, जिला में विस्तार, बैगई-पाहन जमीन संरक्षण
  • कई जिला व पंचायत स्तर के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

महुआडांड़ (लातेहार), 25 अगस्त 2025 को अनुमण्डल सह प्रखण्ड सरना समिति, जनजाति सुरक्षा मंच और वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से सरना भवन महुआडांड़ में एक सामूहिक बैठक का आयोजन हुआ। यह बैठक अपराह्न 11 बजे शुरू हुई, जिसकी अध्यक्षता जनजाति सुरक्षा मंच के प्रखण्ड संयोजक ललकु खेरवार ने की।

करम महोत्सव और संगठन विस्तार पर चर्चा

बैठक का मुख्य विषय आगामी करम महोत्सव की तैयारी, जनजाति सुरक्षा मंच का जिला स्तर पर विस्तार, और बैगा, पाहन, पुजार, देवार एवं बैगई जमीन संरक्षण रहा। इस दौरान उपस्थित वक्ताओं ने जनजातीय परंपराओं के संरक्षण और उनके सामाजिक व सांस्कृतिक महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

प्रमुख अतिथि और वक्ता

बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में जनजाति सुरक्षा मंच के प्रांतीय संयोजक हिन्दवा उरांव उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ताओं में अजय कुमार उरांव (जिला अध्यक्ष, वनवासी कल्याण आश्रम), बालेश्वर बड़ाईक (जिला संयोजक, जनजाति सुरक्षा मंच), संजय कुमार सिंह (संच प्रमुख, वनवासी कल्याण आश्रम महुआडांड़) तथा बैगा-देवार समाज के वरिष्ठ ग्रामीण और पंचायत संयोजक शामिल हुए।

हिन्दवा उरांव: “जनजातीय परंपराओं और जमीन की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। करम महोत्सव हमारी संस्कृति की आत्मा है, इसे संरक्षित करना आवश्यक है।”

समापन

सभा का समापन अनुमण्डल सह प्रखण्ड सरना समिति महुआडांड़ के अध्यक्ष कामेश्वर मुण्डा ने किया। उन्होंने जनजातीय एकता और सामाजिक सहयोग पर बल देते हुए आने वाले करम महोत्सव को सफल बनाने का आह्वान किया।

न्यूज़ देखो: परंपराओं की सुरक्षा ही पहचान की गारंटी

महुआडांड़ की इस बैठक से साफ है कि जनजातीय समाज अपनी परंपराओं, त्योहारों और जमीन की सुरक्षा के लिए सजग है। आधुनिक दौर में सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण ही भविष्य की पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ी पूंजी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

परंपरा से प्रगति की ओर

अब समय है कि हम सभी अपनी जड़ों और परंपराओं की सुरक्षा में सहयोग करें। करम महोत्सव जैसे पर्व सिर्फ उत्सव नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक हैं। इस खबर को साझा करें और अपनी राय कॉमेंट कर जनजातीय परंपराओं के संरक्षण में भागीदार बनें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

Engineer & Doctor Academy
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250723-WA0070
20250923_002035
1000264265
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250925-WA0154
Radhika Netralay Garhwa
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: