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सिमड़ेगा में चर्च और मिशनरी धर्मगुरुओं के आवासीय परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था पर बैठक

#सिमडेगा #सुरक्षा_व्यवस्था : उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में चर्चों और मिशनरी धर्मगुरुओं के साथ सुरक्षा व सौहार्द पर चर्चा

सिमड़ेगा में उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह और पुलिस अधीक्षक एम अर्शी ने चर्च और मिशनरी धर्मगुरुओं के आवासीय परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापक बैठक की। बैठक का उद्देश्य जिले में सभी समुदायों के बीच सौहार्द बनाए रखना और विधि व्यवस्था सुनिश्चित करना था। सभी धर्मगुरुओं से अपने अधीनस्थ चर्चों की सूची प्रशासन को उपलब्ध कराने और परिसरों में सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन कराने का निर्देश दिया गया।

सुरक्षा उपाय और प्रशासनिक निर्देश

उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन सभी धर्मावलंबियों की जान और माल की सुरक्षा के लिए कृत संकल्पित है। सभी धर्मगुरुओं को अपने क्षेत्र के बीडीओ, सीओ और थाना प्रभारी का संपर्क नंबर रखना होगा और किसी भी समस्या के मामले में तुरंत उनसे संपर्क करना चाहिए।

उपायुक्त सिमड़ेगा श्रीमती कंचन सिंह ने कहा: “अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रशासन सभी घटित घटनाओं की जांच करता है और उनका उद्भेदन करता है। आपराधिक घटनाओं को धर्म से न जोड़ा जाए, ताकि विधि व्यवस्था में कोई समस्या उत्पन्न न हो।”

बैठक में चर्च द्वारा अपने स्तर से उठाए जा रहे सुरक्षा कदमों की जानकारी ली गई। निर्णय लिया गया कि मिशनरियों के प्रतिनिधियों को जिला और प्रखंड शांति समिति में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही धार्मिक परिसरों में सायरन का अधिष्ठापन करने के निर्देश दिए गए।

प्रमुख उपस्थित लोग और निष्कर्ष

बैठक में माननीय विधायक कोलेबिरा नमन विक्सल कोंगाड़ी, सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, थाना प्रभारी और चर्चों के धर्मगुरु उपस्थित थे। उन्होंने प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और अपने परिसर में सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।

न्यूज़ देखो: सिमड़ेगा में चर्चों और मिशनरी धर्मगुरुओं की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ बनाने पर जोर

यह बैठक दर्शाती है कि प्रशासन धर्म और समुदाय से जुड़े मामलों में सक्रिय और सतर्क है। सभी धर्मगुरुओं के साथ संवाद और शांति समिति में उनके प्रतिनिधियों को शामिल करना प्रशासन की जवाबदेही और समुदाय के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

प्रेरक समापन और सुरक्षा में नागरिक भागीदारी

स्थानीय समुदायों और धर्मगुरुओं का सक्रिय सहयोग सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रशासन और स्थानीय प्रतिनिधियों से संपर्क बनाए रखें, अपने परिसर में सुरक्षा उपायों का पालन करें और किसी भी समस्या पर तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। इस संवाद और सतर्कता से ही सभी समुदायों के बीच सौहार्द और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जा सकता है। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और सुरक्षा में सक्रिय भागीदारी का संदेश फैलाएँ।

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