नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी पर छात्र नेता हिमांशु का ज्ञापन

#मेदिनीनगर #NP_विश्वविद्यालय #शिक्षकसंकट – छात्रों की चिंता पर उठाई आवाज, टॉपर्स को शिक्षण कार्य में लगाने की मांग

शिक्षा व्यवस्था पर सवाल: पढ़ाई नहीं, चिंता है

मेदिनीनगर, पलामू — नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में लगातार शिक्षकों की कमी से जूझ रहे छात्रों की समस्याओं को देखते हुए छात्र नेता राणा हिमांशु सिंह ने 3 जून को कुलपति और कुलसचिव को एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं इसके अंतर्गत कॉलेजों में कुछ विषयों में घोर शिक्षक संकट है, जिसके कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।

पढ़ाई ठप, छात्र परेशान

छात्रों ने बताया कि वे दूर-दूर से आकर रेंट पर रहकर शिक्षा प्राप्त करने आए हैं, परंतु शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण नियमित कक्षाएं नहीं हो रही हैं। इससे छात्रों में असमंजस और भय का माहौल है।

“कई छात्र सोच रहे हैं कि इस विश्वविद्यालय में नामांकन बरकरार रखें या किसी अन्य संस्थान की ओर रुख करें,” — राणा हिमांशु सिंह

टॉपर्स को दी जाए जिम्मेदारी

छात्र नेता हिमांशु ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के 1st, 2nd और 3rd टॉपर छात्रों को शिक्षण कार्य का अवसर दिया जाए, ताकि पढ़ाई में गति लाई जा सके और गरीब छात्रों को लाभ मिल सके। उन्होंने प्रशासन से 10 दिनों के भीतर यह व्यवस्था लागू करने की मांग की।

कुलपति से मिला आश्वासन

कुलपति और कुलसचिव ने छात्र प्रतिनिधि को भरोसा दिलाया कि बहुत जल्द टॉपर छात्रों को शिक्षण कार्य से जोड़ा जाएगा, ताकि विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाया जा सके। यह सुनकर छात्रों में खुशी का माहौल है।

“मैं सभी छात्रों से आग्रह करता हूं कि 21 जून से अधिक से अधिक संख्या में क्लास अटेंड करें और अपनी पढ़ाई शुरू करें,” — राणा हिमांशु सिंह

न्यूज़ देखो: शिक्षा की बुनियाद मजबूत हो

शिक्षा एक मजबूत राष्ट्र की नींव होती है। नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में छात्रों की मांग और प्रशासन की तत्परता यह दर्शाती है कि अगर युवा आवाज़ उठाएं तो व्यवस्था में सुधार संभव है।
न्यूज़ देखो हमेशा ऐसे मुद्दों की गहराई से पड़ताल करता है और छात्रों के अधिकारों की रक्षा में आगे रहेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

युवा नेतृत्व और साहस की मिसाल

राणा हिमांशु सिंह जैसे छात्र प्रतिनिधि शिक्षा जैसे अहम मुद्दों पर जागरूकता फैला रहे हैं और समाधान की पहल कर रहे हैं। यह समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। जरूरत है कि हर छात्र अपनी पढ़ाई और अधिकार को लेकर सजग और संगठित हो।

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