Koderma

कोडरमा में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित मानसिक स्वास्थ्य परिचर्चा

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#कोडरमा #मानसिक_स्वास्थ्य : सदर अस्पताल कोडरमा में मानसिक स्वास्थ्य विषय पर रोगियों और परिजनों के लिए जानकारीपूर्ण परिचर्चा आयोजित
  • विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सदर अस्पताल कोडरमा में मानसिक स्वास्थ्य परिचर्चा।
  • कार्यक्रम की अध्यक्षता उपाधीक्षक डॉ. रंजीत कुमार ने की।
  • मानसिक रोग विशेषज्ञ डाॅ. रौनक महर्षि ने उपस्थित रोगियों और परिजनों को बिमारियों की जानकारी दी।
  • मुख्य रोगों में एंजायटी और डिप्रेशन का जिक्र किया गया।
  • परिचर्चा का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और मिथकों को दूर करना।
  • विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस में बताया गया कि हर 7 में से 1 व्यक्ति मानसिक रोग से प्रभावित है।

कोडरमा के सदर अस्पताल में 10 अक्टूबर 2025 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य विषय पर एक विशेष परिचर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम का आयोजन बाह्य कक्ष के प्रतीक्षालय में किया गया और इसकी अध्यक्षता उपाधीक्षक डॉ. रंजीत कुमार ने की। इस मौके पर मानसिक रोग विशेषज्ञ डाॅ. रौनक महर्षि ने रोगियों और उनके परिजनों के साथ मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और आम बीमारियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।

मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता

डाॅ. रौनक महर्षि ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं दुनियाभर में लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि विश्व में हर 7 में से 1 व्यक्ति किसी न किसी मानसिक रोग से प्रभावित है। सबसे सामान्य मानसिक रोगों में एंजायटी और अवसाद शामिल हैं। एंजायटी में व्यक्ति अत्यधिक चिंता, घबराहट और तनाव की भावना महसूस करता है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकता है।

डाॅ. रौनक महर्षि ने कहा: “एंजायटी और अवसाद सुनने में छोटी समस्याएं लग सकती हैं, लेकिन ये गंभीर परिणाम दे सकती हैं। समय पर पहचान और उचित उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

अवसाद और एंजायटी की गंभीरता

डाॅ. महर्षि ने अवसाद को भी आम मानसिक रोग बताया, जो अकेले या एंजायटी के साथ भी देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि अक्सर ये दोनों रोग एक साथ आते हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है। उन्होंने रोगियों और उनके परिजनों को बताया कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है और सही समय पर चिकित्सकीय सहायता लेना जरूरी है।

डाॅ. रौनक महर्षि ने कहा: “मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को समझना और स्वीकार करना पहला कदम है। जागरूकता बढ़ाना और सही जानकारी साझा करना इस दिशा में महत्वपूर्ण है।”

रोगियों और परिजनों के लिए संदेश

इस परिचर्चा का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और मानसिक बीमारियों के संबंध में फैले मिथकों को दूर करना था। उपस्थित रोगियों और उनके परिजनों ने इस जानकारी को लाभकारी बताया और कहा कि ऐसी पहल से मानसिक रोगों के प्रति समझ और संवेदनशीलता बढ़ती है।

न्यूज़ देखो: मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता जरूरी

कोडरमा में आयोजित यह कार्यक्रम बताता है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाना अब अत्यंत आवश्यक है। डाॅ. रौनक महर्षि और अस्पताल प्रशासन की यह पहल प्रशंसनीय है। इससे लोगों में मानसिक रोगों को समझने और समय पर उपचार कराने की प्रवृत्ति बढ़ेगी।

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