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मेराल: ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि पर झारखंड विश्वकर्मा समाज ने दी श्रद्धांजलि

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  • झारखंड विश्वकर्मा समाज की गढ़वा जिला इकाई ने ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि मनाई।
  • प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र विश्वकर्मा ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला।
  • कार्यक्रम में समाज के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का विवरण:

मेराल स्थित प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र विश्वकर्मा के आवास पर झारखंड विश्वकर्मा समाज गढ़वा जिला इकाई द्वारा भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि मनाई गई।

सुरेंद्र विश्वकर्मा ने जैल सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 5 मई 1916 को पंजाब के फरीदकोट जिले के संधवान गांव में एक गरीब सिख (विश्वकर्मा) परिवार में हुआ। उन्होंने शिक्षा के लिए कठिन संघर्ष किया और सामाजिक कार्यों में जुड़कर देश सेवा का रास्ता चुना।

ज्ञानी जैल सिंह का योगदान:

सुरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि देश विभाजन के बाद जैल सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बने, राज्यसभा सांसद रहे और बाद में राष्ट्रपति के रूप में देश का गौरव बढ़ाया। उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी प्रेरणा देते हैं।

कार्यक्रम में भागीदारी:

इस मौके पर जिला अध्यक्ष आनंद विश्वकर्मा, जिला उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा, संजय विश्वकर्मा, झारखंड प्रदेश संयुक्त सचिव विकास विश्वकर्मा, रंजीत विश्वकर्मा, नीरज कुमार (बाबू लोहार), डॉ. सुचित विश्वकर्मा, और रमेश विश्वकर्मा समेत कई अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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