
#गिरिडीह #समाजसेवा – हर साल नई प्रेरणा, इस बार सालगिरह मनाई आदिवासी गांव में सेवा कर
- जन कल्याण संगठन अध्यक्ष रूपेश सिंह और पत्नी सोनी सिंह ने सालगिरह को बनाया सेवा पर्व
- बालसुमिया जंगल क्षेत्र के आदिवासी व बिरहोर समुदाय के बीच कपड़े व भोजन वितरित
- भाजपा जिला अध्यक्ष समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता भी रहे मौजूद
- हर साल किसी अनोखे कार्य से मनाते हैं अपनी सालगिरह
- होटल-रेस्टोरेंट की बजाय समाजसेवा को दी प्राथमिकता
आदिवासी गांव में गूंजा सेवा का उत्सव
गिरिडीह जिले के बालसुमिया के जंगलों में बसे आदिवासी और बिरहोर समुदाय के लिए सोमवार का दिन कुछ खास रहा। जन कल्याण संगठन के अध्यक्ष रूपेश सिंह और उनकी पत्नी सोनी सिंह ने अपनी शादी की सालगिरह इन वंचित समुदायों के साथ मनाते हुए कपड़े और भोजन का वितरण किया।
“सेवा से बड़ा कोई उत्सव नहीं हो सकता। यह हमारा सौभाग्य है कि सालगिरह का दिन इन लोगों के बीच बिता सके।”
— रूपेश सिंह
सामाजिक समरसता का प्रेरणादायक उदाहरण
इस कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष महादेव दुबे, विनय सिंह, कामेश्वर पासवान, महेंद्र वर्मा सहित अन्य लोग भी मौजूद थे। सभी ने रूपेश-सोनी दंपती की पहल की सराहना की और कहा कि:
“जब अधिकतर लोग अपने खास दिन होटल और रेस्टोरेंट में मनाते हैं, यह दंपती समाज सेवा को ही उत्सव मानते हैं। यह समाज के लिए प्रेरणादायक है।”
हर साल कुछ नया, लेकिन सेवा भाव एक जैसा
स्थानीय लोगों ने बताया कि रूपेश सिंह और सोनी सिंह हर वर्ष किसी नए और प्रेरणादायक तरीके से अपनी सालगिरह मनाते हैं। इस बार उन्होंने परिवार सहित ग्रामीण इलाके में पहुँचकर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सेवा की।
न्यूज़ देखो: उत्सव को बनाया समाजसेवा का माध्यम
ऐसी खबरें समाज में सकारात्मक सोच और सेवा भावना को मजबूत करती हैं। न्यूज़ देखो का प्रयास है कि ऐसे प्रेरणादायक कार्यों को हर कोने तक पहुँचाया जाए, ताकि और लोग भी आगे आएं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रेरणा, सेवा और सामाजिक चेतना का सुंदर संगम
रूपेश और सोनी सिंह की पहल यह दिखाती है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो हर खुशी को दूसरों के साथ बाँटकर उसे और भी मूल्यवान बनाया जा सकता है। यह कदम न केवल सेवा का, बल्कि सामाजिक समरसता और मानवीयता का भी प्रतीक है।