महुआडांड़ में नीलगाय भेजने के फैसले पर विरोध, 4 मार्च को जुलूस निकालेगी जनसंघर्ष समिति

हाइलाइट्स :

नीलगायों को महुआडांड़ भेजने के फैसले का विरोध

केंद्रीय जनसंघर्ष समिति, महुआडांड़ ने झारखंड सरकार के उस फैसले का विरोध करने का ऐलान किया है, जिसमें पलामू और गढ़वा के जंगलों से नीलगायों को महुआडांड़ के जंगलों में भेजने का आदेश दिया गया है।

समिति के सचिव जेरोम जेराल्ड कुजूर ने बताया कि यह विरोध प्रदर्शन 4 मार्च 2025 को आयोजित किया जाएगा।

जुलूस और सभा का कार्यक्रम

फसल और सुरक्षा पर खतरा

समिति के अनुसार, महुआडांड़ और आसपास के इलाके पहले से ही जंगलों की कटाई और वन्यजीवों की समस्या से प्रभावित हैं। ऐसे में नीलगायों की संख्या बढ़ने से फसलों को नुकसान होगा और स्थानीय ग्रामीणों की सुरक्षा भी प्रभावित हो सकती है।

“नीलगायों के आने से खेती पर गंभीर असर पड़ेगा। वन्यजीवों का खतरा बढ़ेगा, जिससे ग्रामीणों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।”

ग्रामीणों और किसानों से अपील

समिति ने क्षेत्र के ग्रामीणों, किसानों और सामाजिक संगठनों से इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है।

“अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर आवाज उठाएं और इस फैसले के खिलाफ मजबूती से खड़े हों।”

‘न्यूज़ देखो’ की रिपोर्ट

महुआडांड़ के जंगलों में नीलगाय भेजे जाने के फैसले से ग्रामीणों में असंतोष बढ़ रहा है। केंद्रीय जनसंघर्ष समिति का यह प्रदर्शन सरकार के इस निर्णय के खिलाफ बड़ा कदम हो सकता है।

अब देखना होगा कि सरकार इस विरोध प्रदर्शन के बाद क्या निर्णय लेती है और क्या नीलगायों को भेजने का आदेश वापस लिया जाएगा?

अधिक अपडेट के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ से।

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