
#सिमडेगा #कृषि_विकास : जिला मिलेट अनुश्रवण समिति की बैठक में लक्ष्य से अधिक क्षेत्र में खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि देने पर बनी सहमति
- उपायुक्त कंचन सिंह की अध्यक्षता में जिला मिलेट अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित।
- 4427 किसानों को मिलेगा प्रति एकड़ ₹3000 का प्रोत्साहन अनुदान।
- वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6160 एकड़ लक्ष्य के विरुद्ध 9382 एकड़ में मिलेट खेती।
- जिले में मिलेट सीड बैंक की स्थापना का प्रस्ताव।
- 5 मिलेट कैफेटेरिया खोलने की योजना, प्रसंस्करण और विपणन को मिलेगा बढ़ावा।
- भुगतान से पहले रेंडम वेरिफिकेशन अनिवार्य, पारदर्शिता पर जोर।
सिमडेगा जिले में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह की अध्यक्षता में झारखंड राज्य मिलेट मिशन योजना के तहत जिला मिलेट अनुश्रवण समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य मिलेट खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन अनुदान देने की प्रक्रिया की समीक्षा करना और योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना रहा। बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ कि सिमडेगा जिले में किसानों ने लक्ष्य से कहीं अधिक उत्साह के साथ मिलेट खेती को अपनाया है।
लक्ष्य से अधिक क्षेत्र में हुई मिलेट खेती
बैठक के दौरान जिला कृषि पदाधिकारी माधुरी टोप्पो ने समिति को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जिले में मोटे अनाज की खेती हेतु 6160 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके विरुद्ध जिले के किसानों ने 9382 एकड़ भूमि में मिलेट की खेती की है, जो लक्ष्य से काफी अधिक है। इस खेती में कुल 4427 किसानों ने भागीदारी की है, जो जिले में मोटे अनाज के प्रति बढ़ते रुझान को दर्शाता है।
किसानों को मिलेगा आर्थिक प्रोत्साहन
राज्य सरकार की योजना के तहत सभी पात्र किसानों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रति एकड़ ₹3000 की राशि प्रदान की जाएगी। यह अनुदान सीधे किसानों को मिलेट खेती के लिए प्रेरित करने और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से दिया जा रहा है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह राशि केवल वास्तविक और पात्र किसानों को ही दी जाएगी।
भुगतान से पहले रेंडम वेरिफिकेशन के निर्देश
बैठक के दौरान उपायुक्त कंचन सिंह ने प्रोत्साहन राशि वितरण को लेकर सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा:
कंचन सिंह ने कहा: “प्रोत्साहन राशि के भुगतान से पूर्व सभी लाभुकों का रेंडम वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि योजना का लाभ सही किसानों तक पारदर्शी तरीके से पहुंचे।”
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए और लाभ वितरण में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए।
मिलेट सीड बैंक से मिलेगा गुणवत्तापूर्ण बीज
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिले में एक मिलेट सीड बैंक की स्थापना की जाएगी। इस सीड बैंक के माध्यम से किसानों को गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि किसानों की लागत भी कम होगी और फसल की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
मिलेट कैफेटेरिया से बढ़ेगा रोजगार और विपणन
मोटे अनाज के प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा देने के लिए जिले में पांच मिलेट कैफेटेरिया स्थापित करने का प्रस्ताव भी बैठक में रखा गया। इन कैफेटेरिया में मिलेट से बने विभिन्न खाद्य उत्पादों का निर्माण और विक्रय किया जाएगा। इससे किसानों को बेहतर बाजार मिलेगा, वहीं स्थानीय युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
विभिन्न विभागों की रही सहभागिता
इस महत्वपूर्ण बैठक में उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी, जिला सहकारिता पदाधिकारी आत्म अभय टोप्पो, डीडीएम नाबार्ड, जिला उद्योग केंद्र के समन्वयक सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने मिलेट मिशन को जिले में सफल बनाने के लिए आपसी समन्वय के साथ कार्य करने पर सहमति जताई।
न्यूज़ देखो: मिलेट से बदलेगी सिमडेगा की खेती की तस्वीर
यह खबर बताती है कि सिमडेगा जिले में पारंपरिक खेती के साथ अब पोषण और आय बढ़ाने वाली मिलेट खेती को गंभीरता से अपनाया जा रहा है। लक्ष्य से अधिक क्षेत्र में खेती होना किसानों के भरोसे और योजना की सफलता का संकेत है। यदि प्रोत्साहन राशि, बीज और बाजार तीनों सही तरीके से मिले, तो मिलेट मिशन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है।
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जब खेती बने लाभ का साधन, तभी किसान होंगे सशक्त
मोटे अनाज सिर्फ पोषण का स्रोत नहीं, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने का मजबूत माध्यम भी हैं। सिमडेगा के किसानों ने यह साबित कर दिया है कि सही नीति और सहयोग मिले तो वे नई संभावनाओं को अपनाने में पीछे नहीं रहते। अब जरूरत है कि योजनाओं का लाभ समय पर और ईमानदारी से किसानों तक पहुंचे।





