
#धनबाद #अवैध_शराब : उत्पाद विभाग की टीम ने चांदकुइया बस्ती में चल रही मिनी फैक्ट्री पर छापा मारकर 22 लाख की नकली शराब और सामग्री जब्त की
- धनबाद जिला उत्पाद विभाग ने झरिया थाना क्षेत्र के चांदकुइया बस्ती में चल रही नकली शराब फैक्ट्री का पर्दाफाश किया।
- छापेमारी के दौरान 90 पेटी तैयार नकली अंग्रेजी शराब, 200 लीटर स्प्रिट, पैकिंग मशीन, कैप, रैपर और नकली झारखंड सरकार हॉल मार्क जब्त।
- जब्त सामग्री की कुल कीमत लगभग 22 लाख रुपये आंकी गई।
- फैक्ट्री संचालक साधु चौहान और पवन चौहान छापेमारी की भनक लगते ही मौके से फरार।
- संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज, गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी।
धनबाद जिले में नकली शराब के अवैध कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए जिला उत्पाद विभाग की टीम ने झरिया के तीसरा थाना क्षेत्र अंतर्गत चांदकुइया बस्ती स्थित बीसीसीएल क्वार्टर में संचालित नकली अंग्रेजी शराब की मिनी फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर दिया। कार्रवाई के दौरान टीम को भारी मात्रा में तैयार नकली अंग्रेजी शराब और उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री मिली, जिसके बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
छापेमारी में 90 पेटी तैयार शराब और 200 लीटर स्प्रिट जब्त
उत्पाद विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि बीसीसीएल क्वार्टर में लंबे समय से नकली शराब बनाने का अवैध काम चल रहा है। टीम ने मौके पर पहुंचकर जैसे ही छापा मारा, संचालक साधु चौहान और पवन चौहान वहां से भाग निकले।
छापेमारी के दौरान टीम को 90 पेटी तैयार नकली अंग्रेजी शराब, बड़ी संख्या में खाली बोतलें, कैप, रैपर, नकली झारखंड सरकार हॉल मार्क, पैकिंग मशीन व लगभग 200 लीटर स्प्रिट मिली।
उत्पाद विभाग के एक अधिकारी ने कहा: “जब्त की गई शराब और सामग्री की कीमत लगभग 22 लाख रुपये है। यह एक संगठित अवैध कारोबार प्रतीत होता है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार अभियान चल रहा है।”
कैसे चल रही थी मिनी फैक्ट्री
जांच में सामने आया कि संचालक खाली बोतलें खरीद कर उन्हें स्प्रिट और रसायनों की मदद से तैयार शराब के रूप में पैक कर देते थे। फिर नकली हॉल मार्क और आकर्षक रैपर लगाकर इन बोतलों को बाजार में बेच दिया जाता था।
यह पूरा नेटवर्क इलाके में सस्ते दामों पर शराब उपलब्ध कराने के नाम पर नकली उत्पाद बेचकर बड़ा मुनाफा कमा रहा था। नकली शराब से लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा रहता है, जिसे रोकने के लिए यह छापेमारी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
फरार आरोपियों की तलाश तेज
छापेमारी से पहले ही संचालकों को इसकी भनक मिल गई थी, जिसके कारण दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए। टीम ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और संभावित ठिकानों पर लगातार रेड जारी है।
उत्पाद विभाग को उम्मीद है कि जल्द ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर इस पूरे काले कारोबार का नेटवर्क उजागर किया जाएगा।
नकली शराब से जन-स्वास्थ्य पर बड़ा खतरा
नकली शराब में उपयोग होने वाला स्प्रिट और अन्य रसायन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक होते हैं। इससे अंधापन, गंभीर जहर, किडनी फेलियर तक के मामले सामने आ चुके हैं। इस प्रकार की फैक्ट्रियां न केवल कानून तोड़ती हैं बल्कि लोगों की जान के साथ भी खिलवाड़ करती हैं।
इलाके के लोगों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है और कहा है कि ऐसी फैक्ट्रियों के कारण समाज में अपराध और बीमारी दोनों बढ़ते हैं। उन्होंने अधिकारियों से इस प्रकार के अवैध कारोबार पर और कड़ी निगरानी रखने की मांग की।
न्यूज़ देखो: अवैध शराब नेटवर्क पर करारा प्रहार
झरिया में हुई यह कार्रवाई बताती है कि नकली शराब का नेटवर्क कितनी तेजी से फैल रहा है और किस तरह आम लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। उत्पाद विभाग की यह छापेमारी अवैध कारोबारियों के लिए बड़ा संदेश है कि अब इस उद्योग को बख्शा नहीं जाएगा। अधिकारियों को चाहिए कि ऐसी गतिविधियों पर लगातार निगरानी बढ़ाई जाए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित समाज—हमारी जिम्मेदारी
अवैध शराब सिर्फ कानून का नहीं, बल्कि समाज की सेहत का भी बड़ा दुश्मन है। यदि आप अपने आसपास इस तरह की किसी गतिविधि की आशंका देखें, तो तुरंत प्रशासन को जानकारी दें। जागरूक बनें, दूसरों को भी जागरूक करें। इस खबर को साझा करें और कमेंट कर बताएं—क्या आपके क्षेत्र में भी अवैध शराब की समस्या है?




