Ranchi

माइनिंग टूरिज्म से बदलेगा नजरिया, झारखंड की कोयला खदानें अब बनेगीं पर्यटकों की मंज़िल

Join News देखो WhatsApp Channel
#रांची #MiningTourism : सीसीएल के सहयोग से झारखंड बना देश का पहला राज्य — अब आम लोग भी देख सकेंगे कोयला खदान की कार्यप्रणाली
  • झारखंड में पहली बार शुरू हुआ माइनिंग टूरिज्म।
  • रांची, पतरातू और उरीमारी सर्किट को जोड़ा गया पहले चरण में।
  • पर्यटक अब देख सकेंगे खनन गतिविधियां और उपकरणों का उपयोग।
  • फीस ₹2500 से ₹2800 के बीच तय की गई है।
  • दिल्ली, हरियाणा जैसे राज्यों की बिजली आपूर्ति से जुड़ाव भी समझ सकेंगे।

आम नागरिकों के लिए खुला कोयला खदान का रहस्यमयी संसार

अब तक जो दृश्य सिर्फ खनन विशेषज्ञों और इंजीनियरों की आंखों तक सीमित थे, उन्हें अब आम नागरिक भी नजदीक से देख पाएंगे। झारखंड सरकार ने सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) के सहयोग से देश का पहला ‘माइनिंग टूरिज्म’ प्रोजेक्ट शुरू किया है, जो न सिर्फ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि खनन कार्यों की पारदर्शिता और जनजागरूकता को भी बढ़ावा देगा।

समझ सकेंगे कैसे कोयले से होता है देश रोशन

पर्यटकों को यह दिखाया जाएगा कि झारखंड की धरती से निकले कोयले से कैसे दिल्ली, चंडीगढ़ और हरियाणा जैसे राज्य रोशन होते हैं। इस माइनिंग टूरिज्म के जरिए आम लोग अब यह भी समझ सकेंगे कि कोयला उत्पादन किस तरह से देश के ऊर्जा ढांचे की रीढ़ है।

पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा: “अब लोग जान सकेंगे कि झारखंड की खदानों से निकला कोयला कैसे पूरे उत्तर भारत को रोशन करता है। यह न सिर्फ सूचना का माध्यम होगा बल्कि गर्व का भी विषय बनेगा।”

पहले चरण में रांची-पतरातू-उरीमारी सर्किट शामिल

पहले चरण में तीन स्थानों को टूरिज्म सर्किट के रूप में विकसित किया गया है — रांची, पतरातू और उरीमारी। पर्यटकों को रांची से पतरातू होते हुए उरीमारी ले जाया जाएगा, जहां वे नार्थ उरीमारी ओपन कास्ट कोल माइंस की गतिविधियों का सीधा अवलोकन कर सकेंगे। तकनीक, सुरक्षा उपाय, श्रम और बड़े-बड़े खनन यंत्रों का उपयोग पर्यटकों के लिए नया अनुभव होगा।

₹2500 से ₹2800 तक होगी बुकिंग फीस

माइनिंग टूरिज्म की योजना को पैकेज आधारित बनाया गया है, जिसमें ₹2500 से ₹2800 के बीच की फीस रखी गई है। इसके अंतर्गत आवागमन, खानपान, मार्गदर्शन और सुरक्षा की जिम्मेदारी झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) द्वारा निभाई जाएगी।

आगे और तीन सर्किट होंगे शामिल

यह योजना अब सिर्फ तीन सर्किटों तक सीमित नहीं रहेगी। सरकार अन्य तीन माइनिंग सर्किट विकसित करने की योजना पर काम कर रही है, जिसमें सेल (SAIL) के साथ बातचीत अंतिम चरण में है। यदि यह योजना सफल होती है, तो झारखंड का माइनिंग टूरिज्म मॉडल दूसरे राज्यों के लिए मिसाल बन सकता है।

JTDC के एमडी प्रेम रंजन ने कहा: “इस योजना से झारखंड को पर्यटन के एक नए रूप में पहचान मिलेगी। इससे स्थानीय रोजगार को भी बल मिलेगा।”

न्यूज़ देखो: कोयले की धूल से उभरती पर्यटन की चमक

झारखंड की खदानें अब सिर्फ कोयले की आपूर्ति का केंद्र नहीं, बल्कि ज्ञान, रोमांच और पर्यटन का भी नया आयाम बन चुकी हैं। यह पहल झारखंड के विकास और जागरूकता को दर्शाती है। खनन की दुनिया अब जनता के सामने खुल रही है, पारदर्शिता और समझ के साथ।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

पर्यटन के नए दौर में झारखंड की पहचान

यह समय है जब हम झारखंड की नई छवि को दुनिया तक पहुंचाएं — कोयले की धरती, अब पर्यटन का गहना बन रही है। इस खबर को शेयर करें, अपनी राय दें और झारखंड की ताकत को गर्व के साथ आगे बढ़ाएं।
अपनी ज़मीन से जुड़ें, अपनी खबर से जुड़ें — शेयर करें, टिप्पणी करें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250610-WA0011
Engineer & Doctor Academy
Radhika Netralay Garhwa
1000264265
20250923_002035
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: