
#रांची #शिक्षा_सुधार : गैर सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों की समस्याओं पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ हुई विस्तृत चर्चा
- मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की मुलाकात।
- आलिम और फाजिल डिग्री को बीए-एमए के समकक्ष मान्यता देने की मांग रखी गई।
- सहायक आचार्य परीक्षा का परिणाम इन्हीं डिग्रियों के आधार पर घोषित करने का प्रस्ताव।
- गैर सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों की समस्याओं पर चर्चा।
- बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, दीपिका पांडेय सिंह, और पूर्णिमा निरंजन सिंह भी रहीं मौजूद।
रांची स्थित झारखंड मंत्रालय में आज एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भेंट की। इस बैठक में उन्होंने राज्य में गैर सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) विद्यालयों के शिक्षकों से जुड़ी कई प्रमुख समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की।
आलिम और फाजिल की डिग्रियों को बीए-एमए के समान दर्जा देने की मांग
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि राज्य में आलिम और फाजिल की डिग्रियों को क्रमशः बीए और एमए के समकक्ष मान्यता प्रदान की जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इन्हीं डिग्रियों के आधार पर सहायक आचार्य परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाए, ताकि पात्र उम्मीदवारों को उचित अवसर मिल सके।
शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा: “राज्य में शिक्षा के हर स्तर पर समान अवसर सुनिश्चित करना आवश्यक है। आलिम और फाजिल की डिग्रियों को उच्च शिक्षा के समकक्ष मान्यता देना शिक्षा में समानता की दिशा में बड़ा कदम होगा।”
शिक्षकों की समस्याओं और नियुक्तियों पर भी हुई चर्चा
बैठक में अल्पसंख्यक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के मानदेय, नियुक्ति अनुमोदन और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं में आ रही बाधाओं पर भी चर्चा की गई। मंत्री तिर्की ने कहा कि इन समस्याओं के समाधान से शिक्षण व्यवस्था मजबूत होगी और ग्रामीण व अल्पसंख्यक क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा।
बैठक में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रीमती दीपिका पांडेय सिंह, और पूर्व विधायक पूर्णिमा निरंजन सिंह भी उपस्थित थीं। सभी ने मिलकर संबंधित विभागों के अधिकारियों से शिक्षकों के हित में ठोस कदम उठाने की अनुशंसा की।
शिक्षा सुधार की दिशा में सार्थक पहल
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि गैर सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों की स्थिति सुधारना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार इस दिशा में जल्द ठोस निर्णय लेगी।
न्यूज़ देखो: शिक्षा में समानता और अवसर की दिशा में सकारात्मक कदम
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की की यह पहल झारखंड के शिक्षा तंत्र में समान अवसरों की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। आलिम और फाजिल डिग्री को मान्यता मिलने से न केवल शिक्षित युवाओं को लाभ होगा, बल्कि राज्य में अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों का सशक्तिकरण भी होगा।
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शिक्षा के अधिकार के साथ बढ़े समान अवसर
शिक्षा हर व्यक्ति का अधिकार है। अगर डिग्रियों को समान मान्यता दी जाती है, तो यह सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा। अब समय है कि हम सब इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाएं, अपनी राय कमेंट करें और खबर को साझा करें ताकि झारखंड के हर विद्यार्थी को मिले बराबरी का हक।