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श्रावणी मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करने को मंत्री सुदिव्य सोनू की सक्रियता

#देवघर #श्रावणीमेला : व्यवस्थाओं की समीक्षा और श्रद्धालुओं से संवाद — सुविधाओं की गुणवत्ता को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध

व्यवस्थाओं की गहराई से की गई समीक्षा

देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथधाम में श्रावणी मेले की दूसरी सोमवारी की पूर्व संध्या पर झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित कर श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की। बैठक में भीड़ प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं, शौचालय व्यवस्था, भक्तों की लाइन प्रबंधन, रात्री विश्राम की व्यवस्था और भक्ति वातावरण बनाए रखने की रणनीति पर विशेष चर्चा हुई।

ग्राउंड ज़ीरो पर पहुंचे मंत्री, श्रद्धालुओं से किया सीधा संवाद

समीक्षा बैठक के बाद मंत्री सोनू ने सीधे ग्राउंड ज़ीरो का निरीक्षण किया और श्रद्धालुओं के बीच जाकर उनकी समस्याएं और अनुभव सुने। उन्होंने हर श्रद्धालु से साफ-सफाई, दर्शन की सुगमता, पेयजल व्यवस्था, और आराम की सुविधाओं पर फीडबैक प्राप्त किया। यह पहल न सिर्फ प्रशासन की सक्रियता का प्रमाण है, बल्कि राज्य सरकार की जन-जवाबदेही की भावना को भी दर्शाती है।

मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा: “श्रावणी मेले में बाबा के भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। हम हर व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं और जहां सुधार की जरूरत है, तुरंत कार्रवाई कर रहे हैं।”

सुविधाओं को लेकर प्रशासन मुस्तैद

श्रावण मास में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य शिविर, एंबुलेंस, मेडिकल टीम, पीने के पानी की टंकियां, मोबाइल शौचालय, महिला व पुरुष विश्राम स्थल जैसी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया है। साथ ही, सुरक्षा के लिए पुलिस बल, CCTV कैमरे, और स्वयंसेवकों की भी तैनाती की गई है।

मंत्री के निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि भक्तों को बेहतर अनुभव देने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हर छोटी-बड़ी सुविधा की बारीकी से निगरानी की जा रही है और मौके पर ही निर्णय लेकर सुधार किए जा रहे हैं।

न्यूज़ देखो: ज़मीनी फीडबैक से नीतिगत सुधार की मिसाल

श्रावणी मेले जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में नीतिगत समीक्षा के साथ-साथ भक्तों की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करना एक स्वागतयोग्य कदम है। मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू द्वारा व्यक्तिगत रूप से संवाद स्थापित करना प्रशासनिक जवाबदेही और संवेदनशीलता की मिसाल पेश करता है। झारखंड सरकार की इस सक्रियता से श्रद्धालुओं को भरोसा मिल रहा है कि उनकी आस्था का सम्मान हो रहा है।

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श्रद्धा, सहभागिता और सजग सरकार की दिशा में कदम

श्रावण मास जैसे पुण्य पर्व पर जब सरकार खुद जनता के बीच पहुंचकर उनकी सुविधा सुनिश्चित करती है, तो यह केवल व्यवस्था नहीं, सांस्कृतिक चेतना और जनसरोकार का परिचायक बन जाता है। ऐसे प्रयासों से न सिर्फ श्रद्धालुओं को विश्वास मिलता है, बल्कि एक उत्तरदायी और संवेदनशील प्रशासन की छवि भी उभरती है।

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