
#झारखंड #मेडिकलकॉलेज : स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद
- झारखंड में 6 मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की दिशा में सकारात्मक पहल।
- स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा के प्रति मंत्री सुदिव्य सोनू ने जताया आभार।
- राज्य में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा और चिकित्सक उपलब्धता में होगा सुधार।
- धनबाद, देवघर, खूंटी, गिरिडीह, जामताड़ा और पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) में होंगे कॉलेज।
- राज्य सरकार ने पीपीपी मॉडल के तहत जिला अस्पतालों के उन्नयन का प्रस्ताव रखा।
झारखंड में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की खाई को पाटने के लिए छह नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का रास्ता साफ हो रहा है। इस दिशा में उठाए गए कदम पर मंत्री सुदिव्य सोनू ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का आभार व्यक्त किया और इसे राज्य के लिए ऐतिहासिक पहल बताया।
झारखंड की स्वास्थ्य चुनौतियाँ
राज्य की 3.92 करोड़ आबादी के लिए केवल 9 मेडिकल कॉलेज (7 सरकारी, 2 निजी) कार्यरत हैं, जबकि एनएमसी मानक के अनुसार 39 मेडिकल कॉलेजों की आवश्यकता है। चिकित्सकों की उपलब्धता भी बेहद कम है— 0.18 प्रति 1000 आबादी, जबकि राष्ट्रीय औसत 0.96 है। इसी तरह 1.2 लाख से अधिक लोग हर साल तृतीयक चिकित्सा के लिए राज्य से बाहर जाते हैं।
छह मेडिकल कॉलेजों की स्थापना
राज्य सरकार ने धनबाद, देवघर, खूंटी, गिरिडीह, जामताड़ा और पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है। यह परियोजना पीपीपी मॉडल के तहत “Scheme for Financial Support to PPPs in Infrastructure” के अंतर्गत लागू होगी।
इस प्रस्ताव को वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) सब-स्कीम II के तहत वित्तीय सहायता हेतु वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) को भेजा गया है। Empowered Committee की बैठक 23 जुलाई 2025 को निर्धारित है।
मंत्री सुदिव्य सोनू का वक्तव्य
मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा कि—
“इन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण झारखंड की जनता को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने में सहायक होगा। यह पहल राज्य को आत्मनिर्भर बनाएगी और लोगों को बाहर जाने की आवश्यकता कम होगी।”
उन्होंने साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से इन परियोजनाओं को जल्द मंजूरी और वित्तीय सहायता प्रदान करने की अपील भी की।
न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य में आत्मनिर्भरता की ओर झारखंड
यह परियोजना झारखंड के लिए परिवर्तनकारी साबित हो सकती है। यदि छह मेडिकल कॉलेज समय पर शुरू हो जाते हैं, तो राज्य में न केवल डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि बेहतर स्वास्थ्य ढांचा तैयार होगा। यह पहल स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम होगी।
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बदलाव की ओर बढ़ता झारखंड
अब समय है कि हम सब इस ऐतिहासिक पहल का समर्थन करें और झारखंड को स्वास्थ्य सेवाओं में नए मुकाम तक पहुँचाने में भागीदार बनें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि अधिक लोग इस सकारात्मक बदलाव से जुड़ सकें।