
#YogendraMahatoHealth #DrIrfanAnsari – झारखंड के दो मंत्रियों की अनोखी संवेदनशीलता, एक बीमार तो दूसरा बना डॉक्टर!
- मंत्री योगेंद्र महतो को अचानक हुआ सीने में तेज दर्द और पसीना
- मंत्री इरफान अंसारी ने निभाई दोस्ती – खुद बने डॉक्टर, स्टेथोस्कोप लगाकर की जांच
- रिम्स सुपरिटेंडेंट से संपर्क कर भेजी गई मेडिकल टीम
- फिलहाल पारस अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर
- सरकार और शुभचिंतक कर रहे हैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना
बीमार पड़े मंत्री महतो, साथी मंत्री ने निभाई मिसाल-ए-दोस्ती
रांची। झारखंड सरकार के मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो की तबीयत बुधवार देर रात अचानक गंभीर रूप से बिगड़ गई।
उन्हें सीने में तेज दर्द और अत्यधिक पसीने की शिकायत हुई, जिससे परिवार और प्रशासन में हड़कंप मच गया।
हालत की गंभीरता को देखते हुए, सरकार में उनके साथी मंत्री डॉ इरफान अंसारी न केवल तुरंत उनके आवास पहुंचे, बल्कि खुद डॉक्टर की भूमिका निभाते हुए उनकी प्राथमिक जांच भी की।
इरफान अंसारी पेशे से डॉक्टर भी हैं, और उन्होंने स्टेथोस्कोप (आला) लगाकर मंत्री महतो की स्वास्थ्य जांच की और लक्षणों की राय ली।
तत्काल मेडिकल टीम बुलाकर भेजा गया अस्पताल
हालत देखते हुए रिम्स (RIMS) सुपरिटेंडेंट से संपर्क कर एक एक्सपर्ट मेडिकल टीम को मंत्री महतो के आवास भेजा गया।
प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
डॉक्टरों के अनुसार —
“अब चिंता की कोई बात नहीं है, मंत्री महतो खतरे से बाहर हैं।”
24 घंटे निगरानी में रहेंगे मंत्री महतो
स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में पारस अस्पताल में विशेष मेडिकल टीम तैनात है।
वर्तमान में मंत्री महतो 24 घंटे चिकित्सकीय निगरानी में हैं और उन्हें आराम की सलाह दी गई है।
मंत्री इरफान की संवेदनशीलता और तत्परता की हो रही सराहना
मंत्री डॉ इरफान अंसारी का इस तरह मित्रवत और पेशेवर संवेदनशीलता दिखाना जनता और नेताओं के बीच सराहना का विषय बन गया है।
उन्होंने न केवल अपने सहयोगी की जान बचाने में प्राथमिक भूमिका निभाई, बल्कि यह भी दिखाया कि राजनीति में इंसानियत और दोस्ती आज भी ज़िंदा है।

न्यूज़ देखो की शुभकामनाएं
न्यूज़ देखो परिवार की ओर से हम मंत्री योगेंद्र महतो के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
हम आशा करते हैं कि वे जल्द ही वापस आकर जनसेवा के अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
राजनीति में ऐसे उदाहरण इंसानियत की मिसाल हैं।