डुमरी में नाबालिग पर यौन शोषण का आरोप, पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज, भेजा गया न्यायिक हिरासत में

#गुमला #डुमरी_पॉक्सो — कोकावाल गांव की घटना से मचा हड़कंप, पुलिस ने दी निष्पक्ष कार्रवाई की गारंटी

कोकावाल गांव की घटना से डुमरी में तनाव, पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई

डुमरी, गुमला: गुमला जिला के डुमरी थाना क्षेत्र अंतर्गत कोकावाल गांव से एक संवेदनशील यौन शोषण का मामला सामने आया है, जिसमें एक नाबालिग को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। घटना से संबंधित डुमरी थाना कांड संख्या-25/2025 दिनांक 16/06/2025 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS-2023) की धारा 64(1) और पॉक्सो एक्ट की धारा 04/06 के तहत मामला दर्ज किया है।

पीड़िता की मां के बयान पर हुई प्राथमिकी, जांच में सामने आया नाबालिग का नाम

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़िता की मां ने डुमरी थाना में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कोकावाल गांव के दो युवकों पर यौन शोषण का आरोप लगाया गया था। पुलिस की जांच में सामने आया कि एक आरोपी की उम्र महज 16 वर्ष है।

उसे विधिसम्मत बाल न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दूसरे आरोपी की तलाश जारी है, और जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा।

प्रशासन का भरोसा – “कानून से ऊपर कोई नहीं”

पुलिस ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है और आश्वस्त किया है कि—

“यह मामला संवेदनशील है और पूरी पारदर्शिता व संवेदनशीलता के साथ जांच की जा रही है। दोषियों को सख्त सजा दिलाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।”

ग्रामीणों में आक्रोश, लेकिन कानून व्यवस्था बनी हुई

घटना के बाद से कोकावाल गांव व आस-पास के इलाकों में तनावपूर्ण माहौल है। ग्रामीणों में आक्रोश है, लेकिन प्रशासन की सूझबूझ और पुलिस की सतर्कता से स्थिति नियंत्रण में है। मामले में बाल अधिकारों और न्यायिक प्रक्रिया का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

न्यूज़ देखो: बच्चों के अधिकारों और न्याय की रक्षा हमारी प्राथमिकता

‘न्यूज़ देखो’ मानता है कि किसी भी संवेदनशील मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय प्रक्रिया ही समाज की नींव है। बाल अधिकारों की सुरक्षा और पीड़िता को न्याय दिलाना हमारा साझा कर्तव्य है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सामाजिक जागरूकता और संवेदनशील पुलिसिंग ही है समाधान

डुमरी की यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि यौन अपराधों के मामलों में समाज को सजग रहने की जरूरत है। प्रशासन, पुलिस और समाज के संयुक्त प्रयास से ही पीड़ित को न्याय और दोषी को सजा मिल सकती है।

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