
#मनातू #पलामू : छठ पर्व की रात घटी दिल दहला देने वाली घटना, आरोपी गिरफ्तार
- मनातू थाना क्षेत्र के रबदा टोला रजडेरवा गांव में नाबालिग के साथ दुष्कर्म की वारदात।
- आरोपी राजेश यादव (40 वर्ष) ने छठ घाट से लौट रही लड़की को बनाया निशाना।
- पीड़िता की मां फोटो देवी ने पुलिस को दी लिखित शिकायत।
- आरोपी ने मोबाइल और जेवर छीनकर, मुंह दबाकर किया दुष्कर्म।
- थाना प्रभारी निर्मल उरांव ने बताया – आरोपी गिरफ्तार, न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा।
पलामू जिले के मनातू थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। छठ पर्व के दौरान एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की वारदात ने पूरे इलाके को हिला दिया है। यह घटना सोमवार रात की है जब युवती रजडेरवा छठ घाट से किसी सामान के लिए अपने रिश्तेदार के घर जा रही थी। तभी रास्ते में राजेश यादव नामक व्यक्ति ने सुनसान जगह पर उसे रोक लिया और जबरदस्ती की।
छठ की रात बना दहशत का मंजर
जानकारी के अनुसार, नाबालिग लड़की अपने रिश्तेदार के घर मंझौली पंचायत के ग्राम रबदा टोला रजडेरवा में आई हुई थी। छठ पूजा के दौरान रात में घाट से लौटते समय करीब 500 मीटर की दूरी पर आरोपी राजेश यादव (पिता रामवृक्ष यादव) ने घात लगाकर उसके पीछे से कमर पकड़ ली और मोबाइल फोन छीन लिया। जब लड़की ने शोर मचाया तो उसने मुंह दबाकर जबरन दुष्कर्म किया।
मां की करुण पुकार
पीड़िता की मां फोटो देवी ने बताया कि,
“मेरी बेटी छठ घाट से सामान लेने जा रही थी, तभी रास्ते में राजेश यादव ने उसे पकड़ लिया और गलत काम किया। उसने मेरी बेटी के कान-नाक के गहने भी नोच लिए।”
परिवार ने तुरंत मनातू थाना में लिखित शिकायत दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की कार्रवाई
थाना प्रभारी निर्मल उरांव ने कहा कि,
“युवती के आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आरोपी राजेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है और आज उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा।”
न्यूज़ देखो: न्याय की उम्मीद में नाबालिग, समाज की संवेदनशीलता पर सवाल
यह घटना समाज को झकझोरने वाली है। छठ जैसे पवित्र पर्व की रात में ऐसी वारदात न सिर्फ धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाती है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि महिलाएं कब सुरक्षित होंगी। पुलिस की तत्पर कार्रवाई सराहनीय है, परंतु ऐसी घटनाओं पर रोक तभी लगेगी जब समाज अपनी जिम्मेदारी समझे और बेटियों के प्रति सजग बने।
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अब जागरूक समाज ही रोक सकता है ऐसी घटनाएं
यह समय है कि हम सब मिलकर ऐसी सोच के खिलाफ खड़े हों जो महिलाओं को असुरक्षित बनाती है। बेटियों की सुरक्षा सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है। सजग रहें, आवाज उठाएं, और ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और बेटियों की सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाएं।




