
#पलामू #डेटिंगएपचुनौती : प्रतिबंधित एप्स के जरिए नाबालिगों की ऑनलाइन बातचीत बढ़ी — पलामू पुलिस के लिए डेटा ट्रेसिंग बनी गंभीर समस्या, हर सप्ताह हो रहे रेस्क्यू
- पलामू में हर सप्ताह 5 से अधिक नाबालिग प्रेमी युगल रेस्क्यू किए जा रहे हैं राज्य के बाहर से
- मोबाइल जांच में मिले प्रतिबंधित और गोपनीय डेटिंग एप, जिनसे बातचीत ट्रेस करना मुश्किल
- 14–17 वर्ष के किशोर–किशोरी कर रहे इन एप्स का सबसे ज्यादा इस्तेमाल
- एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से जुड़े मामलों में भी मिल रही है एप की भूमिका
- पुलिस काउंसलिंग और जागरूकता अभियान से सामने आ रही हैं चौंकाने वाली जानकारियां
मोबाइल से मिल रहे ऐसे एप जो फ्रिली उपलब्ध पर ट्रेस नहीं होते
पलामू जिले में पुलिस कार्रवाई के दौरान हाल के हफ्तों में सामने आया है कि नाबालिग प्रेमी युगल ऐसे मोबाइल एप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं जो सामान्य तौर पर प्रतिबंधित या गोपनीय माने जाते हैं। ये एप Google Play Store पर आसानी से उपलब्ध नहीं होते, लेकिन APK फॉर्मेट में डाउनलोड कर उपयोग में लाए जा रहे हैं, जिससे इनकी ट्रेसिंग पुलिस के लिए बेहद कठिन हो जाती है।
रेस्क्यू के दौरान सामने आ रही गंभीर तकनीकी चुनौतियाँ
पलामू पुलिस ने हाल के दिनों में झारखंड के बाहर से कई प्रेमी युगलों को रेस्क्यू किया है। रेस्क्यू के दौरान जब मोबाइल फोन की जांच की गई, तब पता चला कि ये किशोर–किशोरी डेटिंग या गुप्त चैटिंग एप्स के माध्यम से संपर्क में थे। एप्स में एन्क्रिप्शन और डेटा छिपाने की तकनीक की वजह से पुलिस को डिजिटल फॉरेंसिक जांच में परेशानी आ रही है।
पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने दी जानकारी
एसपी रीष्मा रमेशन ने कहा: “14 से 17 वर्ष के किशोर–किशोरी कुछ ऐसे एप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं जो फ्रिली उपलब्ध हैं लेकिन ट्रेस नहीं हो पाते। इस कारण कई मामलों की जांच में तकनीकी बाधा आती है।”
उन्होंने बताया कि नाबालिगों के मिसिंग से जुड़े मामले, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से जुड़े विवाद, और काउंसलिंग के दौरान उजागर होते एप्स की जानकारी ने पुलिस को डिजिटल अपराध की नई चुनौतियों से रूबरू कराया है।
हर सप्ताह बढ़ती घटनाएं, 10 से अधिक फरार जोड़ों की शिकायतें
पलामू पुलिस के अनुसार, हर सप्ताह 5 से अधिक नाबालिग जोड़े राज्य से बाहर जाकर पकड़े जा रहे हैं, जबकि 10 से अधिक प्रेमी युगलों के फरार होने की रिपोर्ट मिल रही है। इन मामलों में डेटिंग एप्स का गहरा इस्तेमाल हो रहा है जो पुलिस और परिवार दोनों के लिए चिंता का विषय है।
न्यूज़ देखो: डिजिटल आज़ादी या सामाजिक खतरा?
डेटिंग एप्स और चैटिंग प्लेटफ़ॉर्म का अनियंत्रित इस्तेमाल, विशेष रूप से नाबालिगों द्वारा, एक नई सामाजिक और कानूनी चुनौती बन चुका है। ‘न्यूज़ देखो’ मानता है कि तकनीक का उपयोग यदि मार्गदर्शन से न हो, तो वह सामाजिक विघटन और खतरे की जड़ बन सकता है। पलामू पुलिस की सक्रियता और रेस्क्यू प्रयासों के बीच, परिवार और समाज की भूमिका भी उतनी ही जरूरी है।
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नाबालिगों के बीच बढ़ते डिजिटल आकर्षण और एप्स की लत पर परिवारों को सजग रहने की आवश्यकता है। कृपया इस खबर को साझा करें, अपनी राय कमेंट करें और आस-पास के लोगों को इस विषय पर जागरूक बनाएं।