पलामू के युवाओं की आवाज़ बनेंगे मिथिलेश ठाकुर: सन्नी शुक्ला

#पलामू #स्थानीयभाषाविवाद – हिंदी को स्थानीय भाषा के विकल्प में शामिल करने की मांग को लेकर युवा प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा ज्ञापन

स्थानीय भाषा परीक्षा में छूट की मांग को लेकर युवा हुए मुखर

पलामू। झारखंड मुक्ति मोर्चा के युवा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर से मिलकर सरकारी नौकरियों में हिंदी भाषा को स्थानीय भाषा के विकल्प के रूप में शामिल किए जाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सन्नी शुक्ला और आशुतोष विनायक ने किया।

पलामू के युवाओं को भुगतना पड़ रहा है भाषा नीति का खामियाजा

प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट रूप से कहा कि पलामू प्रमंडल की कोई विशिष्ट स्थानीय भाषा नहीं है। यहां मगही और भोजपुरी का प्रभाव जरूर है, लेकिन हिंदी ही प्रमुख संवाद और शिक्षा की भाषा रही है। ऐसे में स्थानीय भाषा परीक्षा को अनिवार्य किए जाने से हजारों युवा जिनकी अन्य योग्यताएं पूरी हैं, सिर्फ भाषा परीक्षा में असफल हो जाने के कारण सरकारी नौकरियों से वंचित हो जा रहे हैं।

मिथिलेश ठाकुर ने दिया समर्थन, मुख्यमंत्री से करेंगे बात

पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने इस मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए युवाओं को भरोसा दिलाया कि

“मैं इस न्यायसंगत मांग को मुख्यमंत्री के समक्ष रखूंगा और समाधान का पूरा प्रयास करूंगा।”

उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने पहले ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर स्थानीय युवाओं को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों में प्राथमिकता दिए जाने की मांग की थी।

हिंदी, मगही और भोजपुरी को बनाएं विकल्प

बैठक में यह निर्णय हुआ कि सरकार से आग्रह किया जाएगा कि नियुक्ति प्रक्रिया में हिंदी, मगही और भोजपुरी को विकल्प के रूप में शामिल किया जाए, जिससे पलामू प्रमंडल के युवाओं को रोजगार में समान अवसर मिल सके।

न्यूज़ देखो: युवा अधिकार की आवाज़ को मिले समर्थन

न्यूज़ देखो युवाओं की इस आवाज़ को समर्थन देता है और सरकार से अपील करता है कि भाषा के नाम पर किसी भी प्रतिभा को रोका न जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

युवाओं की भाषा में न्याय, भविष्य में अवसर

पलामू के युवाओं का आत्मविश्वास और उनके अधिकारों के लिए लड़ने का यह जज्बा, बदलाव की उम्मीद जगाता है।
हमें यकीन है कि लोकतंत्र में हर आवाज़ की गूंज सत्ता तक पहुंचेगी।

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