
#सिमडेगा #धान_खरीदारी : विधायक भूषण बाड़ा ने लैम्पस के माध्यम से धान खरीद में देरी, कम मूल्य और केंद्रों की कमी पर सरकार से कड़े सवाल उठाए।
- विधायक भूषण बाड़ा ने विधानसभा में धान खरीद में देरी का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया।
- कहा— छत्तीसगढ़ में अधिक मूल्य, लेकिन जिले के लैम्पस में किसानों को कम दर और देर से भुगतान।
- धान क्रय केंद्रों की कमी से किसानों को भारी परेशानी।
- सरकार ने बताया— 15 दिसंबर से 16 केंद्रों पर धान खरीद शुरू की जाएगी।
- किसानों को MSP ₹2369/क्विंटल + राज्य बोनस ₹2450/क्विंटल के अनुसार त्वरित भुगतान की व्यवस्था।
सिमडेगा में किसानों की समस्याओं को आवाज देते हुए विधायक भूषण बाड़ा ने विधानसभा सत्र में सरकार से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि जिले में सरकारी स्तर पर अब तक धान की खरीदारी शुरू नहीं की गई है, जिससे किसानों में नाराजगी बढ़ रही है।
विधायक ने यह भी कहा कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में किसानों को खुले बाजार में अधिक मूल्य मिल रहा है, जबकि सिमडेगा के लैम्पस केंद्रों पर किसानों को अपेक्षाकृत कम कीमत मिलती है। भुगतान में देरी होने से किसानों की आर्थिक स्थिति और कमजोर होती जा रही है।
विधायक ने धान क्रय केंद्रों की कमी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिले में पर्याप्त संख्या में केंद्र नहीं हैं, जिसके कारण किसानों को लंबी दूरी तय कर धान ले जाना पड़ता है। यह किसानों के श्रम, समय और लागत—तीनों पर बोझ डालता है।
सरकार का जवाब: 15 दिसंबर से जिले में खरीद शुरू
सरकार की ओर से बताया गया कि
- जिले के 16 धान अधिप्राप्ति केंद्रों में
- 15 दिसंबर से धान की खरीद प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।
- खरीद MSP ₹2369 प्रति क्विंटल पर होगी।
- इसके साथ ही सरकार द्वारा प्रदत्त अतिरिक्त ₹2450 प्रति क्विंटल की सुविधा किसानों को मिलेगी।
- किसानों को एकमुश्त और त्वरित भुगतान सुनिश्चित किया गया है ताकि कोई भी किसान आर्थिक संकट का सामना न करे।
सरकार ने यह भी स्वीकार किया कि राज्य में धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए लगातार सुधार किए जा रहे हैं और केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है।
किसानों की चिंता: बेहतर सुविधा और दर की जरूरत
जिले के कई किसानों का कहना है कि धान बेचने के लिए समय पर खरीदारी शुरू होनी चाहिए, क्योंकि कटाई के बाद देरी से धान खराब होने का खतरा रहता है। इसके अलावा, बाजार में बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकारी दर बढ़ाने की मांग भी लंबे समय से की जा रही है।
विधायक की मांग: किसान के हित में जल्द फैसला हो
विधायक भूषण बाड़ा ने दोहराया कि
- धान का सरकारी मूल्य बढ़ाया जाए,
- खरीदारी समय पर और सुचारू रूप से की जाए,
- और धान क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाकर किसानों को राहत दी जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की कठिनाइयों को समझते हुए तत्काल कदम उठाने होंगे।
न्यूज़ देखो: किसान हितों की नीति पर खड़ा बड़ा सवाल
धान खरीद, मूल्य निर्धारण और भुगतान की प्रक्रिया हर साल किसानों के लिए बड़ी चुनौती बनती है। विधायक द्वारा उठाए गए सवाल इस बात की ओर संकेत करते हैं कि सिस्टम में सुधार की अब भी बड़ी गुंजाइश है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
किसान मजबूत तो देश मजबूत
किसानों की समस्याएँ हमारी सामूहिक जिम्मेदारी हैं। पारदर्शी खरीद प्रक्रिया, समय पर भुगतान और बेहतर मूल्य देना हर किसान का अधिकार है।
आप भी कमेंट कर बताएं— क्या आपके क्षेत्र में धान खरीद सही ढंग से हो रही है? इस खबर को शेयर करें ताकि अधिक किसान जागरूक हों।





