
#सरायकेला #राजनीतिक_विवाद : इलाजरत JLKM नेता से मिलने पहुंचे विधायक जयराम महतो को प्रवेश से रोके जाने पर प्रशासन और राजनीति आमने सामने
- सरायकेला सदर अस्पताल में स्थानीय विधायक जयराम महतो को प्रवेश से रोका गया।
- विधायक झारखंड लोकतांत्रिक क्रांति मोर्चा के नेता से मुलाकात के लिए पहुंचे थे।
- अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का हवाला देकर अनुमति नहीं दी।
- विधायक ने घटना को लोकतंत्र पर हमला बताया और नाराजगी जताई।
- मामले को लेकर JLKM समर्थकों में आक्रोश, राजनीतिक बयानबाजी तेज।
- थाना प्रभारी ने मामले की जानकारी होने की पुष्टि की, औपचारिक शिकायत नहीं।
सरायकेला सदर अस्पताल में शुक्रवार 12 दिसंबर 2025 को एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने जिले के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। स्थानीय विधायक जयराम महतो को उस समय अस्पताल में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जब वे इलाजरत झारखंड लोकतांत्रिक क्रांति मोर्चा के एक नेता से मुलाकात करने पहुंचे थे। इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच तनाव का माहौल बन गया है।
अस्पताल पहुंचते ही रोके गए विधायक
प्राप्त जानकारी के अनुसार विधायक जयराम महतो शुक्रवार दोपहर सरायकेला सदर अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल में JLKM के एक वरिष्ठ नेता इलाजरत हैं, जिनका हालचाल जानने के उद्देश्य से विधायक वहां पहुंचे थे। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी। विधायक का कहना है कि उन्हें बिना किसी स्पष्ट कारण के रोका गया, जिससे वे आहत और नाराज हैं।
सुरक्षा प्रोटोकॉल का हवाला
अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया गया कि यह कदम सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत उठाया गया है। हालांकि, इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक ने मीडिया के सामने कोई स्पष्ट टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं विधायक जयराम महतो ने इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार दिया है।
विधायक जयराम महतो ने कहा: “यह लोकतंत्र पर हमला है। अस्पताल में मरीज से मिलना किसी भी जनप्रतिनिधि का अधिकार है। मुझे बिना कारण रोका गया।”
सोशल मीडिया पर भी उठाया मुद्दा
विधायक ने इस पूरे मामले को सोशल मीडिया पर भी उठाया और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब एक निर्वाचित प्रतिनिधि को मरीज से मिलने से रोका जा सकता है, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और बढ़ता तनाव
जयराम महतो झारखंड लोकतांत्रिक क्रांति मोर्चा से जुड़े एक सक्रिय नेता हैं। हाल के दिनों में JLKM ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्था और जनसरोकार के मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की है। ऐसे में इस घटना को लेकर पार्टी समर्थकों में आक्रोश देखा जा रहा है और इसे बदले की राजनीति के रूप में देखा जा रहा है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
सरायकेला थाना प्रभारी ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है, लेकिन अब तक किसी प्रकार की औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। वहीं जिला प्रशासन की ओर से भी इस मुद्दे पर कोई विस्तृत बयान सामने नहीं आया है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर फिर उठे सवाल
इस घटना के बाद स्थानीय नागरिकों के बीच भी चर्चा तेज हो गई है। लोगों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में पहले से ही सुविधाओं की कमी है, और अब इस तरह की घटनाएं स्वास्थ्य व्यवस्था पर और सवाल खड़े करती हैं। कई लोगों ने इसे जनप्रतिनिधियों और आम जनता दोनों के अधिकारों से जुड़ा मामला बताया है।
न्यूज़ देखो: अस्पताल और लोकतंत्र का सवाल
सरायकेला सदर अस्पताल की यह घटना केवल एक व्यक्ति को रोके जाने का मामला नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक पारदर्शिता और लोकतांत्रिक अधिकारों से जुड़ा बड़ा सवाल खड़ा करती है। जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत साफ दिखाई देती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सवाल पूछना लोकतंत्र की ताकत है
अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों पर नियम जरूरी हैं, लेकिन अधिकारों का सम्मान भी उतना ही अहम है।
आप इस घटना को कैसे देखते हैं, अपनी राय कमेंट में साझा करें और खबर को आगे बढ़ाकर जागरूकता फैलाएं।





