
#बगोदर #रेलवे : हरकटवा के 1500 ग्रामीणों की मुश्किलें दूर करने की पहल
- बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने डीआरएम धनबाद से की मुलाकात।
- हरकटवा गांव तीन ओर नदी और एक ओर रेलवे लाइन से घिरा हुआ है।
- रास्ता बंद होने से शिक्षा, स्वास्थ्य और खेती-बारी में भारी संकट।
- ग्रामीणों की जमीन रेलवे के उस पार, दैनिक आना-जाना मुश्किल।
- पोल संख्या 351/19, 351/21 और 351/22 के बीच अंडरग्राउंड रास्ते की मांग।
बगोदर के विधायक नागेंद्र महतो ने आज धनबाद डीआरएम से मुलाकात कर सरिया प्रखंड के हरकटवा गांव की गंभीर समस्या रखी। यह गांव तीन तरफ नदी और चौथी ओर रेलवे लाइन से घिरा हुआ है, जहां करीब 1500 लोग रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रास्ता बंद हो जाने से उनके जीवन के हर क्षेत्र पर असर पड़ा है।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा असर
ग्रामीणों ने बताया कि रास्ता बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बाधित हो रही है। वहीं, बीमार पड़ने पर समय पर अस्पताल पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। शादी-विवाह, मृत्यु संस्कार जैसी पारिवारिक और सामाजिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं।
खेती-बारी और मवेशियों पर संकट
हरकटवा गांव के लोगों की कृषि भूमि रेलवे लाइन के उस पार है। उन्हें रोजाना खेतों और मवेशियों के साथ आवाजाही करनी पड़ती है। लेकिन रास्ता बंद होने से खेती-बारी पर संकट गहराता जा रहा है।
स्थायी अंडरग्राउंड रास्ते की मांग
विधायक नागेंद्र महतो ने डीआरएम के समक्ष पोल संख्या अप 351/19 और 351/21 तथा डाउन 351/22 के बीच स्थायी अंडरग्राउंड रास्ता बनाने की मांग रखी। साथ ही उन्होंने परंपरागत रास्ते को भी खुला रखने की बात कही।
उम्मीद बंधी ग्रामीणों को
ग्रामीणों को विश्वास है कि इस बार उनकी समस्या का समाधान होगा। विधायक महतो ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही इस पर सकारात्मक निर्णय लेकर हरकटवा गांव के लोगों को लंबे समय से चली आ रही कठिनाइयों से राहत दिलाई जाएगी।
न्यूज़ देखो: ग्रामीणों की आवाज सत्ता तक पहुंची
हरकटवा जैसे गांवों की समस्या यह दिखाती है कि विकास कार्यों में यदि स्थानीय जरूरतों की अनदेखी हो तो आम लोगों का जीवन कैसे प्रभावित होता है। विधायक नागेंद्र महतो की पहल ने ग्रामीणों की उम्मीदें जगा दी हैं। अब जिम्मेदारी रेलवे की है कि वह व्यावहारिक समाधान पेश करे।
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ग्रामीण विकास में सहभागिता जरूरी
अब समय है कि हर स्तर पर ग्रामीणों की समस्याओं को प्राथमिकता मिले। हम सबको भी ऐसी पहलों का समर्थन करना चाहिए ताकि गांव-गांव तक सुविधाओं का रास्ता खुल सके। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि आवाज और बुलंद हो।





