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पारंपरिक काली जतरा मेले का उद्घाटन विधायक प्रकाश राम ने किया

#लातेहार #सांस्कृतिक_मेला : चंदवा में पारंपरिक काली जतरा मेला आयोजित, विधायक प्रकाश राम ने उद्घाटन कर ग्रामीणों में उत्साह भरा

चंदवा। पारंपरिक काली जतरा मेला समिति के आयोजन में चंदवा में यह ऐतिहासिक मेला धूमधाम के साथ आयोजित हुआ। विधायक प्रकाश राम ने उद्घाटन करते हुए कहा कि काली जतरा मेला हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और यह हमें हमारी परंपराओं से जोड़ता है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करें और इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाएं।

ग्रामीण सहभागिता और स्वागत

मौके पर अतिथियों का बैच, शाल और बुके देकर स्वागत किया गया। सुदूरवर्ती ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और बच्चों के साथ मेले में शामिल होकर उत्सव का आनंद लिया। ग्रामीणों में उत्साह का माहौल देखने को मिला। मौके पर विनय कुमार रिक्की, राजन भगत, इरशाद मुन्ना, शिवकेश्वर यादव, अवधेश यादव और जयराम साहू समेत कई लोग उपस्थित थे।

धार्मिक और सांस्कृतिक आकर्षण

मेले में नाग देवता की पूजा आयोजित की गई। ग्रामीणों ने श्रद्धा पूर्वक पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया। बच्चों और युवाओं के लिए खेल और तमाशों का आयोजन किया गया, जिससे पूरे मेले में उत्साह बना रहा। विभिन्न मिठाई और खान-पान की दुकानें भी लगीं, जिसने मेले की रंगत और बढ़ा दी।

विधायक प्रकाश राम ने कहा: “काली जतरा मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह समाज में भाईचारा और सामुदायिक एकता का प्रतीक है।”

आयोजक और विशेष अतिथि

आयोजक समिति में सुशील उरांव, रवि तुरी, अलोक यादव, पुरुसोतम कुमार साहू, अजय उरांव, पूनम देवी और मानती देवी ने मेले की सफलता में योगदान दिया। विशेष अतिथि में अमित गुप्ता, सुरेश यादव, आदर्श रवि राज, राजू उरांव, श्रवण गुप्ता और डुमारो मुखिया सुनीता खलखो ने भाग लिया।

न्यूज़ देखो: काली जतरा मेला उत्सव और सांस्कृतिक संरक्षण

इस मेले ने स्थानीय समाज में भाईचारे, सामुदायिक एकता और संस्कृति के प्रति सम्मान को बढ़ावा दिया। प्रशासन और समाजिक संस्थाओं को ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि परंपराओं का महत्व और युवा पीढ़ी में सांस्कृतिक जागरूकता बनी रहे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

संस्कृति और एकता को संजोएं

परंपरागत आयोजनों में भाग लेकर हम न केवल अपने इतिहास को याद करते हैं, बल्कि समाज में भाईचारा और एकता को भी मजबूत करते हैं। बच्चों और युवाओं को इन आयोजनों में शामिल करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और अपने समाज में सांस्कृतिक चेतना बढ़ाने का योगदान दें।

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